नई दिल्ली: बेटियों के लिए शिक्षा का अधिकार, मातृत्व अवकाश और भ्रूण हत्या पर सख्ती… पिछले 9 सालों में मोदी सरकार ने ऐसे कई फैसले लिए हैं और ऐसी योजनाएं लागू की हैं, जिनका महिलाओं और लड़कियों पर सीधा असर पड़ा है। उसने इसका फायदा उठाया। महिला सशक्तिकरण कार्यक्रमों का असर गांव से शहर तक […]
नई दिल्ली: बेटियों के लिए शिक्षा का अधिकार, मातृत्व अवकाश और भ्रूण हत्या पर सख्ती… पिछले 9 सालों में मोदी सरकार ने ऐसे कई फैसले लिए हैं और ऐसी योजनाएं लागू की हैं, जिनका महिलाओं और लड़कियों पर सीधा असर पड़ा है। उसने इसका फायदा उठाया। महिला सशक्तिकरण कार्यक्रमों का असर गांव से शहर तक नजर आया। चाहे बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ हो या सुकन्या समृद्धि योजना के जरिए उसकी शिक्षा और शादी के लिए धन जुटाना… जानिए, पिछले 9 सालों में मोदी सरकार ने महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए क्या योजनाएं बनाई हैं।
➨ उज्ज्वला योजना: 9 साल में 17 करोड़ गैस कनेक्शन
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) 2016 में महिलाओं को ध्यान में रखकर शुरू की गई थी। योजना का लक्ष्य मार्च 2020 तक देश के 80 लाख परिवारों को गैस कनेक्शन देना था। इस दायरे को बढ़ाने के लिए वित्त वर्ष 2021-22 में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना 2.0 की शुरुआत की गई है। योजना से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो पिछले 9 साल में 17 करोड़ एलपीजी उपभोक्ताओं ने इसके जरिए नए एलपीजी कनेक्शन लिए हैं। अप्रैल 2014 तक, सक्रिय एलपीजी उपभोक्ताओं की संख्या 14.52 करोड़ रुपये थी जो पिछले 9 वर्षों में बढ़कर 31.26 करोड़ रुपये हो गई है।
➨ सुकन्या समृद्धि योजना : कन्या विवाह एवं शादी के लिए धन
लड़कियों की शिक्षा और शादी के लिए फंड जुटाने वाली सुकन्या समृद्धि योजना की शुरुआत 2014 में हुई थी। यह एक बचत योजना की तरह है। इसके लिए माता-पिता 10 साल से कम उम्र की बच्ची का खाता खुलवा सकते हैं। 9 साल पहले जब यह योजना शुरू हुई थी तो इस पर 9.1% की ब्याज दर दी गई थी, लेकिन 2015 में इसे बढ़ाकर 9.2% कर दिया गया। अब आज 8 फीसदी की दर से ब्याज दिया जाता है। स्कीम की लॉन्चिंग के वक्त इसके कई फायदों के बारे में बताया गया था। गारंटीकृत रिटर्न, टैक्स ब्रेक और उच्च ब्याज दरों की तरह।
➨ बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ : भ्रूण हत्या को रोकने और लड़कियों को शिक्षित करना
हरियाणा में लड़कियों की जन्म दर में गिरावट को देखते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम शुरू किया। इसका उद्देश्य लड़कियों को शिक्षित करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना और भ्रूण हत्या पर प्रतिबंध लगाना रहा है। साथ ही उनकी शादी के लिए आर्थिक मदद देने की भी बात कही गई है। मीडिया रिपोर्ट्स अनुसार, 2016 से 2019 के बीच, केंद्र सरकार ने इस कार्यक्रम को देश के कोने-कोने तक पहुंचाने के लिए विज्ञापन पर 80% फंड खर्च किया।
➨ मुफ्त सिलाई मशीन योजना: हर राज्य में मुफ्त सिलाई मशीन देने की योजना
महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए, मोदी सरकार ने एक मुफ्त सिलाई मशीन कार्यक्रम तैयार किया, जो सिलाई और कढ़ाई में रुचि रखने वाली महिलाओं की मदद करेगा। देश भर में हर राज्य में 50,000 से अधिक महिलाओं को मुफ्त सिलाई मशीनें मिलती हैं, ताकि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं इसका लाभ उठा सकें। इसका आवेदन करने की उम्र 20 से 40 साल के बीच रही।