योग दिवस से पहले आईटीबीपी का रिकॉर्ड, 22,850 फीट पर आसान कर बनाया रिकॉर्ड

नई दिल्ली। भारत-तिब्बत सीमा पुलिस एक बार फिर दुर्लभ उपलब्धि हासिल कर चुकी है, जहां पुलिस बल के पर्वतारोहियों ने उत्तराखंड हिमालय में 22,850 फीट की ऊंचाई पर बर्फ के साथ योगाभ्यास किया है. बता दें, ITBP पर्वतारोहीयों का एक बल पिछले हफ्ते माउंट अबी गामिन की चोटी पर था. इसी दौरान उन्होंने यह उपलब्धि […]

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योग दिवस से पहले आईटीबीपी का रिकॉर्ड, 22,850 फीट पर आसान कर बनाया रिकॉर्ड

Riya Kumari

  • June 6, 2022 10:26 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली। भारत-तिब्बत सीमा पुलिस एक बार फिर दुर्लभ उपलब्धि हासिल कर चुकी है, जहां पुलिस बल के पर्वतारोहियों ने उत्तराखंड हिमालय में 22,850 फीट की ऊंचाई पर बर्फ के साथ योगाभ्यास किया है. बता दें, ITBP पर्वतारोहीयों का एक बल पिछले हफ्ते माउंट अबी गामिन की चोटी पर था. इसी दौरान उन्होंने यह उपलब्धि हासिल की. जब इस बल ने रास्ते में बर्फ से ढंके इलाके में भी योग सत्र आयोजित किया.

ऊंचाई पर योग कर बनाया रिकॉर्ड

यह ऐतिहासिक उपलब्धि पर्वत के शिखर पर पहुंचने का लक्ष्य तय करने वाले आईटीबीपी पर्वतारोहियों के बल ने 1 जून, 2022 के दिन हासिल किया. इस टीम में 14 सदस्य थे. इस बल ने करीब 20 मिनट तक योग का अभ्यास किया। यह आज तक किसी भी व्यक्ति द्वारा सबसे अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्र में योग अभ्यास का रिकॉर्ड है. आईटीबीपी पर्वतारोहियों द्वारा यह एक दुर्लभ प्रयास था जो कामयाब भी रहा. बता दें, इससे पहले इतनी ऊंचाई पर अत्यधिक हाई एल्टीट्यूड वाले योग अभ्यास को पहले कभी नहीं किया गया था.

योग दिवस पर जवानों का योगदान

इस साल के योग दिवस की बात करें तो इस बार की थीम- ‘मानवता के लिए योग’ से प्रेरित है. अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण और इस थीम से प्रेरित आईटीबीपी पर्वतारोहियों ने इतनी ऊंचाई पर योग का अभ्यास किया। इस उपलब्धि से यकीनन लोगों के बीच सकारात्मक संकेत जाएगा और योग के लिए कई लोग प्रेरित होंगे. बीते कुछ वर्षों में आईटीबीपी ने हिमालय के ऊंचे इलाकों में योग कर इसे बढ़ावा देने के लिए कई पहलें की हैं. पहले भी भारत और चीन की सीमाओं पर आईटीबीपी के जवान लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश सहित योग कर देश वासियों को योग करने के लिए संकेत दे चुके हैं. बता दें, जवानों ने विभिन्न ऊंचाई वाली हिमालय पर्वतमालाओं पर सूर्य नमस्कार और कई योगासन सहित कर अपना योगदान दिया है.

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