दिल्ली के केरल हाउस की कैंटीन में बीफ परोसने की शिकायत पर पुलिस रेड की जांच रिपोर्ट में डिवीजनल कमिश्नर ने पुलिस एक्शन को नियम-कानून का उल्लंघन करार दिया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली पुलिस को इस कैंटीन पर रेड मारने का अधिकार ही नहीं था.
नई दिल्ली. दिल्ली के केरल हाउस की कैंटीन में बीफ परोसने की शिकायत पर पुलिस रेड की जांच रिपोर्ट में डिवीजनल कमिश्नर ने पुलिस एक्शन को नियम-कानून का उल्लंघन करार दिया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली पुलिस को इस कैंटीन पर रेड मारने का अधिकार ही नहीं था.
डिवीजनल कमिश्नर ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है जिसमें कहा गया है कि केरल हाउस में रेड मारना किसी भी तरह से कानून-व्यवस्था का मसला नहीं था. पुलिस ने एक शिकायत के आधार पर वहां छापा मारा था और ऐसी शिकायत की जांच के लिए पुलिस को सक्षम प्रशासनिक अधिकारियों को सूचना देना चाहिए था.
पुलिस ने दिल्ली कैटल प्रिजर्वेशन एक्ट 1994 के प्रावधानों का उल्लंघन किया
कमिश्नर ने अपनी रिपोर्ट में पुलिस एक्शन को दिल्ली एग्रीकल्चर कैटल प्रिजर्वेशन एक्ट 1994 के प्रावधानों का उल्लंघन बताया है और सिफारिश की है कि दिल्ली के आम लोगों और दिल्ली पुलिस को इस एक्ट के बारे में जागरूक बनाने की जरूरत है कि उन्हें कब और कौन सा एक्शन किसे सूचना देकर या किसकी अनुमति लेकर उठानी चाहिए.
केरल हाउस बीफ रेड के बाद केरल के मुख्यमंत्री ओमान चांडी ने कहा था कि दिल्ली पुलिस बीजेपी के कार्यकर्ताओं की तरह पेश आ रही है. चांडी ने पुलिस छापा के लिए माफी नहीं मांगने पर दिल्ली पुलिस के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी दिल्ली पुलिस को बीजेपी सेना बताते हुए कहा था कि पुलिस का कदम अवैध है.