नई दिल्ली. पिछले महीने केरल हाउस की कैंटीन में गोमांस परोसे जाने की शिकायत के बाद दिल्ली पुलिस की कार्रवाई पर रिपोर्ट आ गई है. इस रिपोर्ट में दिल्ली पुलिस की कार्रवाई को गलत बताते हुए कहा गया है कि पुलिस ने कार्रवाई में कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया.
रिपोर्ट में कुछ बिंदुओं पर गौर करते हुए कहा गया कि दिल्ली कैटल प्रिजर्वेशन एक्ट 1994 के अनुसार दिल्ली पुलिस के पास केरल हाउस भवन या परिसर में घुसने, जांच करने या तलाश करने का अधिकार नहीं था.
दिल्ली पुलिस जब पहली बार केरल हाउस में घुसी तभी ये साफ हो गया था कि वहां कैंटीन में कोई बीफ नहीं परोसा जा रहा फिर 15-20 मिनट बाद पुलिस का दोबारा वहां जाना बिलकुल अनैतिक था. रिपोर्ट केरल सरकार के साथ केंद्रीय गृह मंत्रालय को भी भेजी जाएगी.
क्या है पूरा मामला?
27 अक्टूबर के दिन हिन्दू सेना के लीडर विष्णु गुप्ता ने पुलिस से शिकायत की थी कि केरला हाउस की कैंटीन में बीफ परोसा जा रहा है. शिकायत मिलने के बाद करीब 20 पुलिस के जवान वहां पहुंच गए. नई दिल्ली जिले के एक सीनियर पुलिस अफसर के अनुसार केरल हाउस के कैंटीन में बीफ परोसे जाने के बारे में पीसीआर कॉल आई थी. सूचना मिलते ही पुलिस तुरंत स्पॉट पर पहुंच गई.
पुलिस अफसर ने कहा, ‘यह सिर्फ एहतियाती कदम था. पुलिस कैंटीन गई और वहां स्टाफ को हिंदू सेना की शिकायत के बारे में बताया, लेकिन कैंटीन से कोई सैंपल नहीं लिया गया.’ पुलिस अफसर ने यह भी बताया कि जब पुलिस केरल हाउस पहुंची तो वहां हिंदू सेना के कुछ मेंबर वहां मौजूद थे. इस सिलसिले में हिंदू सेना के एक मेंबर से कनॉट प्लेस पुलिस स्टेशन में पूछताछ की गई.