नई दिल्ली. वित्तमंत्री अरूण जेटली ने लेखकों, फिल्मकारों और वैज्ञानिकों की पुरस्कार वापसी पर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि देश में पूरी तरह शांति बनी हुई है. कहां है असहनशीलता..? हमारा देश न कभी असहनशील था, और न कभी होगा. इसके अलावा उन्होंने कहा है कि कांग्रेस और अन्य दलों के राज्यों में ये घटनाएं घट रही हैं, उसके लिए केंद्र सरकार को दोषी क्यों ठहराया जा रहा है.
इससे पहले भी लेखकों के लगातार पुरस्कार लौटाने पर सूचना एवं प्रसारण मंत्री अरुण जेटली ने लेखकों की मंशा पर सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा था कि ये सरकार के खिलाफ एक सोची-समझी बगावत है. ये सचमुच का विरोध है या फिर गढ़ा हुआ विरोध है. जब पिछले साल मोदी सत्ता में आए तो पहले की सरकारों में संरक्षण का आनंद उठा रहे लोग जाहिर तौर पर मौजूदा सरकार से असहज हैं. उन्होंने कहा था कि कांग्रेस के और सिमटने के कारण उनकी यह असहजता’ पहले से बढ़ गई है .