नैनीताल. देश में बढ़ती असहिष्णुता के खिलाफ इतिहासकार शेखर पाठक ने पद्मश्री सम्मान लौटाने की घोषणा की है. उन्होंने सोमवार को नैनीताल फिल्म फेस्टिवल में ये ऐलान किया. पाठक ने कहा, ‘मैं हिमालय का बेटा हूं इसलिए अपने विरोध को हिमालय और पहाड़ के संसाधनों की लूट और अनदेखी से भी जोड़ रहा हूं.’
दो दशक तक कुमाऊं विश्वविद्दालय में इतिहास से प्रोफेसर रहे शेखर पाठक को 2007 में पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा गया था. शेखर हिमालयी क्षेत्र के इतिहास और संस्कृति के अच्छे जानकार हैं.
इससे पहले पंजाबी लेखिका दलीप कौर तिवाना और वैज्ञानिक पीएम भार्गव ने खराब सांप्रदायिक माहौल पर दुख जताते हुए पद्मश्री और पद्म भूषण सम्मान लौटा दिया था.