वैज्ञानिकों का खुला खत, सांप्रदायिकता से खतरे में है देश

देश में सांप्रदायिक हिंसा और हत्या को लेकर वैज्ञानिकों ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को खुला खत लिखा है. इस खत में ने उन्होंने लिखा कि भारत एक बहुलतावाद देश है, जहां हर किसी समुदाय के लिए जगह है. इसके लिए अधिक ध्रुवीकृत समुदाय परमाणु बम की तरह खतरनाक है.

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वैज्ञानिकों का खुला खत, सांप्रदायिकता से खतरे में है देश

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  • October 29, 2015 4:31 am Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
बेंगलुरु. देश में सांप्रदायिक हिंसा और हत्या को लेकर वैज्ञानिकों ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को खुला खत लिखा है. इस खत में ने उन्होंने लिखा कि भारत एक बहुलतावाद देश है, जहां हर किसी समुदाय के लिए जगह है. इसके लिए अधिक ध्रुवीकृत समुदाय परमाणु बम की तरह खतरनाक है.
 
उन्होंने लिखा,’हम वैज्ञानिक, निर्दोष लोगों और तर्कवादियों की हत्या का कारण बनी असहिष्णुता, ध्रुवीकरण और सांप्रदायिक घृणा को लेकर चिंतित हैं . हम आपसे इस घटनाक्रम पर गंभीरता से विचार करने और उपयुक्त कार्रवाई करने का अनुरोध करते हैं.’
 
 
एक अन्य पत्र उन्होंने में केंद्र और राज्य सरकार को लेकर लिखा कि भारत एक बहुलतावाद देश है, जहां हर किसी समुदाय के लिए जगह है. अत्याधिक ध्रुवीकृत समुदाय परमाणु बम की तरह खतरनाक होता है. यह किसी भी समय फट सकता है और देश को विकट अराजकता में धकेल सकता है. वैज्ञानिक भी समाज का हिस्सा है और आज उनसे कर्तव्यनिष्ठ नागरिक बनने और अपनी चिंता जाहिर करने की उम्मीद करता है.
 
इससे पहले राष्ट्रपति खुद इस मामले को लेकर देश में शांति की अपील कर चुके हैं. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा है कि हालात कैसे भी क्यों न हों, समाज में मानवता और बहुलता के मूल्यों से समझौता नहीं करना चाहिए. उम्मीद है विभाजनकारी तत्वों का नाश होगा.
 

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