नई दिल्ली. देश में बढ़ती सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं, कलबुर्गी की हत्या और दादरी-जम्मू जैसी घटनाओं के मद्देनज़र सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉल्यिक्यूलर बॉयोलॉजी के संस्थापक वैज्ञानिक पी. एम भार्गव ने पद्म भूषण लौटने की घोषणा की है.
एक अखबार से बातचीत में भार्गव ने कहा, ‘पद्म भूषण मेरे लिए महत्व रखता है लेकिन अब सरकार की ओर से तर्कवाद, साहित्य और विज्ञान पर हमले के बाद मेरी भावनाएं इसके लिए खत्म हो चुकी हैं और इसके विरोध में अब मैं अपना सम्मान लौटा दूंगा.’
भार्गव ने सम्मान लौटाने का ऐलान 107 वैज्ञानिकों के साथ किए एक समझौते पर हस्ताक्षर के घंटे भर बाद किया जिसके तहत वह अन्य वैज्ञानिकों, कलाकारों और लेखकों के साथ देश में सांप्रदायिक हिंसा और हत्या के विरोध में शामिल होना चाहते हैं. वैज्ञानिक पीएम भार्गव को 1986 में पद्म भूषण मिला था. उन्होंने पद्म भूषण लौटाते हुए कहा कि उम्मीद करता हूं अन्य वैज्ञानिक भी इस मुद्दे पर अपनी आवाज बुलंद करेंगे.
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