नई दिल्ली. शॉटगन के नाम से मशहूर बीजेपी नेता शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा है कि अगर पार्टी उनके खिलाफ कार्रवाई करती है तो भी वो ‘चुप रहेंगे, उफ न करेंगे, लब सिल लेंगे और आंसू पी लेंगे’ क्योंकि वो पार्टी में ‘नो डिमांड, नो कमांड, नो कम्प्लेंट्स और नो एक्सपेक्टेशन’ के साथ हैं.
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इंडिया न्यूज़ के खास कार्यक्रम संवाद में चैनल के एडिटर-इन-चीफ दीपक चौरसिया के साथ इंटरव्यू में सिन्हा ने कहा कि जब जसवंत सिंह के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है, जब लालकृष्ण आडवाणी का नाम स्टार कैंपेनर की लिस्ट में डालकर भी बिहार नहीं बुलाया जा सकता है तो उन पर कार्रवाई भी हो सकती है लेकिन पार्टी ऐसा करेगी तो ये ज्यादती होगी.
ऑप्शन तो बहुत हैं पर बीजेपी पहली और आखिरी पार्टी है
सिन्हा ने पार्टी की तरफ से कार्रवाई के बाद के विकल्पों पर कहा कि उनके पास विकल्प तो बहुत हैं और चाहने वाले भी बहुत हैं लेकिन बीजेपी उनके लिए पहली और आखिरी पार्टी है.
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बिहार के बीजेपी नेताओं पर भी कार्रवाई करेंगे क्या
सिन्हा ने सवाल किया कि अगर उन पर कार्रवाई होती है तो क्या इस पर भी कार्रवाई होगी कि उन्हें बिहार के कार्यक्रमों की सूचना क्यों नहीं दी जाती थी, क्यों उन्हें निमंत्रण नहीं दिया जाता, क्यों उनके फोटो पोस्टर या बैनर पर नहीं लगाए जाते, क्यों कार्यक्रमों में उनका नाम नहीं लिया जाता, क्यों उन्हें बिहार की कोर कमिटी में भी नहीं रखा गया.
फोटो-पोस्टर का मोहताज नहीं पर मेरा चेहरा क्यों नहीं
सिन्हा ने कहा कि पार्टी के कार्यक्रमों में उनका फोटो पोस्टर पर नहीं होता है. वो फोटो-पोस्टर के मोहताज नहीं हैं लेकिन जान-बूझकर सिर्फ उनका फोटो क्यों नहीं लगाया जाता है इसे पार्टी नेतृत्व को देखना चाहिए.
हो सकता है कि आडवाणी का करीबी होने के कारण दरकिनार हूं
यह पूछने पर कि क्या लालकृष्ण आडवाणी का करीबी होने के कारण आपको पार्टी में तवज्जो नहीं मिल रही है, शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा, हो सकता है. उन्होंने ये भी माना कि नरेंद्र मोदी को पीएम उम्मीदवार बनाने के समय आडवाणी और सुषमा स्वराज को नजरअंदाज नहीं करने के बयान की वजह से भी उन्हें दरकिनार किया गया हो.
तसल्ली है कि जब आडवाणी और जोशी को ही नहीं बुला रहे तो मैं क्या चीज हूं
शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि स्टार प्रचारकों की लिस्ट में उनके अलावा वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी के भी नाम हैं लेकिन किसी को प्रचार के लिए बिहार नहीं बुलाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि बस यही देखकर उन्हें तसल्ली होती है कि जब बड़े नेताओं का यह हाल है तो वो क्या चीज हैं.
लोग पूछते हैं कि मुझे मंत्री क्यों नहीं बनाया गया
सिन्हा ने अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में स्वास्थ्य और जहाजरानी मंत्री के अपने कार्यकाल का हवाला देते हुए कहा कि लोग मुझसे पूछते हैं कि मुझे मंत्री क्यों नहीं बनाया गया जो प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार है.
सिन्हा ने कहा कि इस सरकार में ऐसे-ऐसे लोग मंत्री बने हैं जिन्हें कोई पहचानता भी नहीं है. पहली बार संसद आए लोग मंत्री बनाए गए. मंत्री बनाकर लोग संसद लाए गए. ऐसी हालत में जब लोग पूछते हैं कि आप मंत्री क्यों नहीं बनाए गए तो तकलीफ होती है.
सीएम नहीं, केंद्रीय मंत्री बनने की इच्छा है
शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि बिहार में सीएम बनने की न तो उनकी इच्छा है और न अपेक्षा है. उन्होंने कहा कि अगर मुझे कभी मौका मिला तो मैं केंद्र में मंत्री बनना पसंद करूंगा ताकि बिहार के साथ-साथ पूरे देश की सेवा कर सकूं.
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