फिल्म बजरंगी भाईजान की कहानी का अब असल जिंदगी में क्लाइमेक्स होने वाला है. फर्क सिर्फ इतना है कि सलमान खान बिना पासपोर्ट-वीजा के मुन्नी को उसके परिवार से मिलाने पाकिस्तान गए थे और इस बार गीता को 13 साल बाद उसके परिवार से मिलाने पाकिस्तान से खास मेहमान हिंदुस्तान आ रहे हैं.
नई दिल्ली. फिल्म बजरंगी भाईजान की कहानी का अब असल जिंदगी में क्लाइमेक्स होने वाला है. फर्क सिर्फ इतना है कि सलमान खान बिना पासपोर्ट-वीजा के मुन्नी को उसके परिवार से मिलाने पाकिस्तान गए थे और इस बार गीता को 13 साल बाद उसके परिवार से मिलाने पाकिस्तान से खास मेहमान हिंदुस्तान आ रहे हैं.
बिहार के सहरसा का एक परिवार गीता का इंतज़ार कर रहा है. गीता ने इस परिवार की तस्वीरों को अपने परिवार के रूप में पहचान तो लिया है, लेकिन गीता की ठीक-ठीक पहचान साबित होना अभी बाकी है.
गीता जब 26 अक्टूबर को दिल्ली पहुंचेगी, तब उसके डीएनए का सहरसा के परिवार के डीएनए से मिलान करवाया जाएगा और जब तक गीता की पहचान मुकम्मल नहीं हो जाती, तब तक भारत और पाकिस्तान के बीच इस सवाल पर बड़ी बहस चलती रहेगी कि क्या ईदी फाउंडेशन की गीता ही सहरसा की हीरा है ?
इंडिया न्यूज़ पर गीता के परिवार और पाकिस्तान के खास मेहमानों के साथ इसी सवाल पर होगी बड़ी बहस
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