नई दिल्ली। 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 126वीं जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 80 युवाओं को संसद में आमंत्रित कर रहे हैं। आजादी की लड़ाई लड़ने वाले और देश को मौजूदा स्वरूप देने वाले महान नेताओं से हमारी नई पीढ़ी का जुड़ाव महसूस हो इसी सोच के साथ युवाओं को […]
नई दिल्ली। 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 126वीं जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 80 युवाओं को संसद में आमंत्रित कर रहे हैं। आजादी की लड़ाई लड़ने वाले और देश को मौजूदा स्वरूप देने वाले महान नेताओं से हमारी नई पीढ़ी का जुड़ाव महसूस हो इसी सोच के साथ युवाओं को आमंत्रित किया गया है।
इस बार संसद आ रहे 80 युवाओं में 35 युवतियां और 45 युवक शामिल है। इन युवाओं का चयन देश के अगल- अलग क्षेत्रों से किया गया है। सरकार द्वारा दीक्षा पोर्टल के अलावा My Gov app में क्विज के अलावा जिला व राज्य स्तरीय भाषण प्रतियोगिताओं आदि में बेहतर प्रदर्शन करने वाले युवाओं का चयन करके उन्हें आमंत्रित किया गया है।
इसके अलावा चयनित युवाओं में से 30 युवाओं को नेताजी के बारे में अपनी बात कहने का अवसर कार्यक्रम में दिया जाएगा। यहां पर देश की भाषायी विविधता भी नजर आएगी क्योंकि युवाओं को पांच भाषाओं हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, मराठी और बांग्ला में बोलने का विकल्प दिया जाएगा।
यह युवा नेताजी सुभाष चंद्र बोस की संसद के सेंट्रल हॉल में स्थित मुर्ति पर पुष्प अर्पण करेंगे। पहले ये काम केवल नेताओं और गणमान्य व्यक्तियों से करवाने का चलन था। अब इस कार्यक्रम में आम नागरिकों को हिस्सा बनाते हुए इसमें बदलाव किया जा रहा है। युवाओं का देश के प्रमुख नेताओं के योगदान से परिचय कराने के अंतर्गत 2 अक्तूबर 2022 से यह परंपरा की शुरूआत पीएम मोदी ने की थी। पुष्प अर्पण के बाद सभी युवाओं को संसद के अंदर ले जाया जाएगा।
कार्यक्रम के बाद पीएम मोदी सभी अतिथियों को अपने आवास पर आमंत्रित करेंगे और शाम को उनसे मुलाकात की जाएगी। युवाओं को 24 जनवरी को जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में होने वाले उत्सव, 25 जनवरी को कर्तव्य पथ, राष्ट्रीय युद्ध स्मारक, राजघाट के अलावा पीएम संग्रहालय का भी भ्रमण कराया जाएगा। इसके अलावा ये सभी युवा 26 जनवरी को कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस परेड को देखने का भी मौका मिलेगा।
इससे पहले 11 और 12 जनवरी 2021 को देशभर के युवाओं की राष्ट्रीय युवा संसद का आयोजन सेंट्रल हॉल में किया गया था, ऐसा आयोजन संसद के इतिहास मे पहली बार किया गया था। उस दौरान भी पीएम मोदी ने व्यस्तता के कारण भी युवाओं से संवाद किया था। अब युवाओं को राष्ट्रीय नेताओं के अलावा संसद को लेकर भी जानकारी दी जाएगी। ऐसे आयोजनों से युवाओं और संसद के बीच दूरी को घटाया जा रहा है।
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