भारत में 10 में से 8 आदमियों को करना पड़ता है अमानवीय और निचले स्तर का काम, सर्वे में खुलासा

भारत में महज बेरोजगारी एक समस्या नहीं है बल्कि जिनके पास नौकरियां हैं वह भी बुरी स्थिति में काम कर रहे हैं यानि उनकी नौकरियां अमानवीय हैं. वहीं जनसंख्या अनुपात में 51.9 प्रतिशत रोजगार के साथ भारत 18 9 देशों की सूची में लगभग 180 के निचले डेक पर है.

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भारत में 10 में से 8 आदमियों को करना पड़ता है अमानवीय और निचले स्तर का काम, सर्वे में खुलासा

Aanchal Pandey

  • September 25, 2018 2:00 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली. भारत में नौकरियों की कमी आम बात है लेकिन उससे भी बड़ी बात ये हैं कि जिन लोगों के पास नौकरियां हैं भी उनमें से कई को  अपमानजनक और अमानवीय स्तर की नौकरियां करनी पड़ती हैं. साल 2018 की संयुक्त राष्ट्र मानव विकास रिपोर्ट (UNHDR) के अनुसार भारत में 77.5 प्रतिशत कर्मचारी अमानवीय और निचले स्तर का काम करते हैं. ये आंकड़ा अंतरर्राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है जो कि 42.5 प्रतकिशत है. जनसंख्या अनुपात में 51.9 प्रतिशत रोजगार के साथ भारत 18 9 देशों की सूची में लगभग 180 के निचले डेक पर है.

अपमामजनक रोजगार अक्सर अपर्याप्त कमाई, कम उत्पादकता और काम की कठिन परिस्थितियों को माना जाता है जो कि श्रमिकों के मौलिक अधिकारों को छीनता है. आम तौर पर खेती के क्षेत्र में कर्मचारियों की स्थिति अधिक दयनीय है जो कि देश में कुल रोजगार का 50 प्रतिशत है. इसमें उत्पादन क्षेत्र भी शामिल हैं जहां 30 मिलियन श्रमिक लंबे समय के कामकाज और अनुचित मजदूरी से पीड़ित हैं.

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) ग्रामीण परिवार के वयस्क सदस्यों जो रोजगार की मांग करते हैं और अकुशल मैन्युअल काम करने के इच्छुक हैं को मजदूरी के रोजगार के सौ दिन की कानूनी गारंटी देता है. दूसरी तरफ,  महाराष्ट्र में रोजगार गारंटी योजना हर साल वयस्क व्यक्ति को मजदूरी रोजगार प्रदान करती है जो स्वयंसेवक मैन्युअल काम करने के लिए स्वयंसेवक हैं.

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