7th PMC Bank Depositor Kuldeep Kaur Vig Death, PMC Bank Ghotale ke saatvein Khatadharak ki Maut: पीएमसी बैंक से निकासी पर प्रतिबंध के बाद सातवें खाताधारक की मौत हो गई है. जानकारी के मुताबिक अब तक सात खाताधारकों की मौत हो गई है. इनमें से एक हैं कुलदीप कौर विग जिनकी मौक भी दिल का दौरा पड़ने से हुई है. सितंबर में इस घोटाले के सामने आने के बाद से 40,000 रुपये निकासी सीमा तय की गई थी. घोटाले की जानकारी के बाद और बैंक में पैसा फंसे होने के कारण अभी तक 6 जमाकर्ताओं की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई और एक ने आत्महत्या की.
मुंबई. नवी मुंबई में दिल का दौरा पड़ने से पंजाब और महाराष्ट्र सहकारी (पीएमसी) बैंक के 64 वर्षीय जमाकर्ता कुलदीप कौर विग की मृत्यु हो गई. इस बारे में जानकारी उनके परिवार ने शुक्रवार को दी. बता दें कि कुलदीप कौर विग बैंक में कथित रूप से 4,355 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आने और आरबीआई ने धन की निकासी पर प्रतिबंध लगा दिया जिसके बाद सातवें पीएमसी बैंक जमाकर्ता हैं जिनकी मौत हो गई. नवी मुंबई के खारघर इलाके के सेक्टर 10 की निवासी कौर का मंगलवार रात एक अस्पताल में निधन हो गया. उनके परिवार ने बताया कि वह अपने पैसे को लेकर चिंतित थी कि रकम बैंक में फंस गई और टीवी पर जमाकर्ताओं के विरोध के बारे में खबर देखने के बाद काफी तनाव महसूस कर रही थी. उनके पति 74 वर्षीय वरिंदर सिंह विग ने कहा, उन्हें अस्पताल ले जाया गया लेकिन इलाज के दौरान मृत घोषित कर दिया गया.
जीटीबी नगर के गुरु तेग बहादुर हाई स्कूल में कोच के रूप में काम करने वाले विग का पीएमसी बैंक के साथ अपना वेतन खाता भी था. उन्होंने कहा, हमारे 15 से अधिक वर्षों से पीएमसी बैंक में हमारे खाते हैं. हमारे कुछ फिक्स्ड डिपॉजिट्स को हाल ही में दोबारा शुरू किया गया था और इसके एक महीने बाद यह घोटाला सामने आया. हमारे पास हमारे स्वास्थ्य बीमा को रिन्यू करने के लिए पैसा नहीं है. बीमा कंपनी ने रिन्यू के लिए कहा था. मैंने उनसे पूछा कि क्या वे पीएमसी बैंक का चेक स्वीकार करेंगे. मृतक के पति ने कड़े स्वर में पूछा कि, अब तक सात जमाकर्ताओं की मृत्यु हो गई है. बैंक को और कितनी मौतों की जरूरत है? मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने बैंक के तीन शीर्ष अधिकारियों और रियल्टी समूह एचडीआईएल के दो प्रमोटरों को इस घोटाले में गिरफ्तार किया है.
सात जमाकर्ताओं की मौत
बैंक के अधिकारियों पर आरोप है कि एचडीआईएल के प्रमोटरों के साथ इसके बड़े कर्ज की चूक को छिपाने की कोशिश की गई. सितंबर में इस घोटाले के सामने आने के बाद जमाकर्ताओं की मौतों के बीच और फंड निकासी पर 40,000 रुपये (शुरुआती 1,000 रुपये से बढ़ाकर) पर कैप लगाया गया था. कुलदीप कौर विग से पहले 73 वर्षीय भारती सदरंगानी, जोगेश्वरी के 51 वर्षीय संजय गुलाटी, मुलुंड के 83 वर्षीय मुरलीधर धरड़ा, 59 वर्षीय फट्टोमल पंजाबी की दिल का दौरा पड़ने से मौत हुई थी. इनके अलावा 39 साल के एक डॉकटर ने मुबंई के वर्सोवा के अपने घर में फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली थी.
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