नई दिल्ली/कोलकाता. पश्चिम बंगाल के सभी स्कूल-कॉलेजों के शिक्षकों को सातवें वेतनमान का लाभ मिलने जा रहा है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घोषणा की है कि राज्य के सभी सरकारी स्कूल और कॉलेज के शिक्षकों को 7वें वेतन आयोग के मुताबिक सैलेरी का भुगतान किया जाएगा. 1 जनवरी 2020 से यह लागू हो जाएगा और इन राज्य कर्मचारियों के वेतन में इजाफा हो जाएगा.
पश्चिम बंगाल सरकार ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के निर्देशानुसार यह फैसला लिया है. यूजीसी के मुताबिक सभी विश्वविद्यालय के शिक्षक-प्रोफेसरों को सातवें वेतनमान के तहत सैलेरी का भुगतान किया जाना चाहिए.
पिछले कुछ समय से पश्चिम बंगाल के सरकारी कॉलेजों के टीचर्स वेतन बढ़ोतरी की मांग कर रहे थे. पिछले दिनों जाधवपुर यूनिवर्सिटी के लेक्चर्रस ने सीएम ममता बनर्जी से मुलाकात भी की थी.
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में शिक्षकों की वेतन बढ़ोतरी की मांगों पर चर्चा हुई. इसमें यह तय किया गया कि राज्य के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों को सैलेरी का भुगतान 7वें वेतनमान से किया जाएगा.
हालांकि मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार की प्रणाली में बहुत अंतर होता है. केंद्र सरकार के पास आरबीआई जैसे कई बड़े वित्तीय संस्थानों का साथ होता है. मगर राज्य सरकार को अपने वित्तीय स्थिति को ध्यान में रखते हुए फैसले लेने होते हैं.
सीएम ने कहा कि एक बार में सभी सरकारी कर्मचारियों के वेतन में एक साथ बढ़ोतरी नहीं की जा सकती है. हालांकि धीरे-धीरे सभी कर्मचारियों को 7वें वेतन आयोग के अनुसार ही भुगतान होना शुरू हो जाएगा.
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