7th Pay Commission DA Hike: केंद्र सरकार की तरफ से महंगाई भत्ते में 5 प्रतिशत बढ़ोतरी के बाद से राज्यकर्मियों ने भी अपनी मांगे बुलंद कर दी है. विभिन्न राज्यों के कर्मचारी यूनियन महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी के लिए आवाज बुलंद कर दिया है.
नई दिल्ली. केंद्र सरकार के बाद राज्य सरकारें भी अपने कर्मचारियों को दिवाली से पहले महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी कर सौगात दे सकती हैं. हालांकि राज्य सरकारों की तरफ से अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं आया है, लेकिन केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी के बाद से कई राज्यों के यूनियन ने राज्य सरकार पर दबाव बनाना शुरू कर दिये हैं. राज्य कर्मचारियों की मांग है कि सरकार उनके महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी करें. अगर राज्य सरकारों द्वारा ऐसा नहीं किया जाता है तो राज्य यूनियन व्यापक आंदोलन करने पर मजबूर होंगे.
उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारियों का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी उनके डीएम में बढ़ोतरी करना चाहिए. अगर केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों को वेतन और भत्ते में बढ़ोतरी कर सकती तो राज्य सरकार क्यों नहीं कर सकती हैं. रिपोर्ट्स की माने तो राज्य सरकारें अपने सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 3 से 4 प्रतिशत तक बढ़ोतरी कर सकती है. हालांकि फंड की कमी और अतिरिक्त वित्तिय भार की वजह से राज्य सरकारें इस पर अभी चुप्पी साधी है.
आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में इस बार पिछले वर्ष की अपेक्षा दोगुना बढ़ोतरी किया है. पिछले वर्ष केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई महंगाई भत्ते में 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी किया था. इससे पहले भी केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी किया था.
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लेकिन इस बार केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ा दिवाली गिफ्ट दिया है. केंद्र सरकार की तरफ से केंद्रीय कर्मचारियों को बढ़ा हुआ डीयरनेस अलाउंस 1 जुलाई 2019 से जोड़कर दिया जाएगा. यानी कि केंद्रीय कर्मचारियों को महंगाई भत्ता जुलाई, अगस्त और सितंबर का जोडकर नवंबर में दिया जाएगा. केंद्र सरकार पर कुल अतिरिक्त भार 16 हजार करोड़ रुपये का पड़ेगा.
केंद्र सरकार ने इस पर कोई फैसला नहीं सुनाया है. इससे पहले यह माना जा रहा है कि केंद्रीय कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी 2019 लोकसभा चुनाव से पहले होगा, लेकिन सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के पक्ष में कोई फैसला नहीं सुनाया.