7th Pay Commission: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने हजारों कर्मचारियों के कुछ अलाउंस काटने का फैसला किया है. इनमें विभागों में जीपीएफ पासबुक के रखरखाव के लिए मिलने वाला अलाउंस, सिंचाई विभाग के इंजीनियरों को दिया जा रहा है अर्दली भत्ता और PWD के इंजीनियरों को इंसेटिव के तौर पर दिया जाने वाला अलाउंस शामिल है. यूपी कैबिनेट जल्द इस पर बड़ा फैसला ले सकती है. त्योहारों से पहले उत्तर प्रदेश के कर्मचारियों के लिए ये एक बड़ा झटका है. अभी कुछ दिन पहले ही योगी सरकार ने राज्य के कर्मचारियों के डियरेंस अलाउंस में इजाफा करने का ऐलान किया था.
सिंचाई विभाग के रिटयार इंजीनियर एके श्रीवास्तव ने बताया कि जो इंजीनियर दफ्तर से अटैच रहते हैं. उन्हें अर्दली भत्ता मिलता है. अब सरकार इसे खत्म करने जा रही है. जेई को यह भत्ता 100 रुपये महीने मिलता है जबकि एई को 200 रुपये भत्ता मिलता है. वहीं ऊपर के अफसरों को 500 से 600 रुपये तक अलाउंस मिलता है. अब सरकार इसमें कटौती करने जा रही है. सिंचाई विभाग में 3000 से ज्यादा इंजीनियर काम कर रहे हैं, जिनकी सैलरी में कमी आ सकती है.
क्या है जीपीएफ अलाउंस
रिटायर्ड इंजीनियर एके श्रीवास्तव ने बताया कि 1984 में राज्य सरकार ने एक और अलाउंस शुरू किया था, जिसमें जीपीफ पासबुक के अपडेशन के लिए क्लर्क स्टाफ को 25 पैसे प्रति पासबुक हर महीने मिलता था. यूपी सरकार इसे भी खत्म कर सकती है. योगी सरकार के इस फैसले का असर राज्य के हजारों कर्मचारियों पर पड़ेगा.
अलाउंस कम करने के पीछे योगी सरकार का है ये तर्क
राज्य सरकार का तर्क है कि सरकारी कर्मचारियों को 7वें वेतन आयोग के तहत मिल रहे वेतन के सामने यह अलाउंस काफी कम है. इसलिए इन्हें खत्म किया जा रहा है. सरकार का कहना है इन अलाउंस को इसलिए शुरू किया गया था. क्योंकि उस समय स्टाफ का वेतन कम था. पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों को इंसेटिव भी खत्म किया जाएगा. जेई लेवल के इंजीनियरों का अलाउंस 100 से 150 रुपये महीना है. यह इंसेटिव इंजीनियरों को नए डिजाइन बनाने के लिए मिलता है.
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