7th Pay Commission: कोरोना महामारी के बीच इस राज्य के कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है. दरअसल तेलंगाना सरकार ने सातवें वेतनमान के तहत राज्य के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को जून महीने के पूरे वेतन और पेंशन का भुगतान किया जाएगा. बता दें कि पिछले तीन महीने से राज्य के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को आंशिक वेतन और पेंशन मिल रहा था.
7th Pay Commission: भारत में कोरोना संकमित लोगों के मामले तेजी से इजाफा हो रहा है. मौजूदा वक्त में देश में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या 5 लाख को पार कर चुकी है. कोरोना ने लोगों के स्वास्थ पर असर तो डाला ही है साथ ही आर्थिक स्थिति को भी पुरी तरह से प्रभावित किया है. कोरोना में आम आदमी ही नहीं नौकरीपेशा लोगों को भी आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, फिर चाहे वो सरकारी कर्मचारी हो या निजी कर्मचारी. बता दें कि तेलंगाना सरकार ने कोरोना संकट के बीच अपने कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग के तहत जून महीने का पूरा वेतन देने का बड़ा फैसला किया है.
तेलंगाना सरकार ने 7th Pay Commission के तहत राज्य के कर्मचारियों औऱ पेंशनभोगियों को जून महीने का पूरा वेतन और पेंशन देने का फैसला किया है. इस संबंध में पिछले हफ्ते आदेश जारी हो चुका है. मुख्यमंत्री के चंद्रेशखर राव ने आर्थिक स्थिति की समीक्षा करने के बाद यह फैसला लिया है. इसके तहत जून महीने से सभी सरकारी कर्मचारियों के वेतन को पहले जैसे यानि वेतन पेंशन और अन्य सभी प्रकार प्रकार के भत्तों का भुगतान किया जाएगा.
बता दें कि कोरोना संकट के चलते पैदा हुए हालात के बाद तेलंगाना सरकार पिछले तीन महीनों से राज्य के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को आंशिक वेतन और पेंशन दे रही थी. 30 मार्च से ही राज्य के कैबिनेट मंत्रियों, मंत्रियों, विधायकों के वेतन में 75 फीसदी कटौती, आईएएस, आईपीएस और इस तरह के अन्य केंद्रीय सेवाओं के वेतन में 60 फीसदी की कटौती, ग्रुप डी के कर्मचारियों, ठेके और आउटसोर्सिंग पर काम करने वाले कर्मचारियों की सैलरी में 10 फीसदी की कटौती की जा रही थी. वहीं राज्य के पेंशनभोगियों को केवल 50 फीसदी पेंशन का भुगतान किया जा रहा था.
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केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस महामारी से निपटने के साथ ही आर्थिक गतिविधियों को धीरे-धीरे शुरू करने का फैसला लिया है. इसके तहत अनलॉक-1 में ही कंटेनमेंट जोन को छोड़कर देश के अन्य सभी हिस्सों में औद्योगिक इकाइयों समेत आर्थिक गतिविधियों को शुरू करने की अनुमति दी. जिसके परिणाम से राज्य व केंद्र की अर्थव्यवस्था धीमी गति से पटरी पर लौट रही है.