7th pay commission, 7th pay commission latest news: केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को जल्द एक बड़ा फायदा मिलने वाला है. सरकार उनकी वेतन वृद्धि की मांग पर चर्चा करने के लिए तैयार हो गई है. दरअसल गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा है कि, वित्त मंत्रालय को गृह मंत्रालय ने एक पत्र लिखा था. इस पत्र के बाद मांग पर सुनवाई के लिए सरकार तैयार हो गई है.
नई दिल्ली. 7th pay commission, 7th pay commission latest news: सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत केंद्रीय कर्मचारियों को खुशखबरी मिल सकती है. इसका फायदा लाखों सरकारी कर्मचारियों को होगा. दरअसल जल्द ही सरकारी कर्मचारियों द्वारा की जा रही मांग पर सरकार सुनवाई कर सकती है. हाल ही में वित्त मंत्रालय सैन्य कर्मचारियों की मांग पर विचार करने के लिए तैयार है जिसमें कहा गया था कि राशन मनी और रिस्क-हार्डशिप अलाउंस को बाहर रखा जाए.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त मंत्रालय को गृह मंत्रालय ने एक पत्र लिखा था. इस पत्र में बजट संबंधी प्रक्रिया के दौरान सैन्य कर्मियों की लंबे समय से चली आ रही मांगों की समीक्षा करने की मांग की गई थी. इसी के बाद वित्त मंत्रालय ने फैसला लिया है कि मांग पर सुनवाई की जाए. बता दें कि सरकार यदि इस मांग को मान लेती है और इस पर अपना फैसला सुनाती है तो अर्धसैनिक बलों के लगभग नौ लाख सैन्यकर्मी सीधे तौर पर लाभान्वित होंगे. इनमें सीआरपीएफ, बीएसएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी और एसएसबी के जवान शामिल होंगे. साथ ही बीएसएनएल कर्मचारियों की मांग पर भी सुनवाई की जाएगी.
वहीं केंद्र सरकार के कर्मचारी भी लंबा समय से उम्मीद लगा रहे हैं कि न्यूनतम वेतन में वृद्धि को लेकर सरकार फैसला करेगी. वर्तमान में सरकारी कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपए प्रतिमाह है. इसे बेसिक सैलरी कहा जाता है. हालांकि सरकारी कर्मचारी लंबे समय ये मांग कर रहे हैं कि उनकी बेसिक सैलेरी बढ़ाकर 26 हजार कर दी जाए. हालांकि सरकार चुनाव से पहले इस पर फैसला नहीं कर पाई. अब कहा जा रहा है कि देश में चुनावी माहौल के कारण सरकार सैन्य कर्मियों की मांगों पर फैसला लेकर बाकि सरकारी कर्मचारियों को भी आश्वासन दे सकती है. विशेषज्ञों का कहना है कि वर्तमान सरकार किसी भी तरह से अपने मतदाताओं को नाराज नहीं करना चाहती है.
बता दें कि केंद्र सरकार कर्मचारी संघ लंबे समय से सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत वेतन बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं. हालांकि केंद्र और कई राज्य सरकार ने कई ऐसे फैसले लिए हैं जिनसे सरकारी कर्मचारियों को फायदा मिले लेकिन अभी तक सभी मांगों को पूरा करने की ओर कदम नहीं उठाए गए हैं.