7th Pay Commission: सातवें वेतनमान के तहत केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ी खबर सामने आई है. बता दें कि सरकार के स्थायी कर्मचारियों को हाउस बिल्डिंग एडवांस होम लोन स्कीम के तहत इसका लाभ मिलता है. सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों की वजह से होम लोन की रकम में बढ़ोतरी की गई है.
7th Pay Commission: अगर आप सरकारी कर्मचारी हैं और आपको 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों का लाभ मिल रहा है, तो आप सरकार से रियायती दरों पर होम लोन लेने के हकदार हैं. सरकार के स्थायी कर्मचारियों को हाउस बिल्डिंग एडवांस होम लोन स्कीम के तहत इसका लाभ मिलता है. सबसे बड़ी बात यह है कि 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों की वजह से होम लोन की रकम में बढ़ोतरी भी की गई है.
हाउस बिल्डिंग एडवांस होम लोन स्कीम के तहत 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों का लाभ उठाने वाले सरकारी कर्मचारियों को घर बनाने के लिए सरकार की ओर से 7.9 फीसदी के ब्याज पर होम लोन उपलब्ध कराया जाता है. पिछले 1 अक्टूबर 2019 से ही होम लोन पर सरकार 7.9 फीसदी की दर से ब्याज ले रही है. इस योजना के तहत घर बनाने के लिए कर्मचारी को अधिकतम 25 लाख रुपये अथवा 34 महीने के मूल वेतन यानी बेसिक सैलेरी के समान रकम मिल सकती है. यदि कोई केंद्रीय कर्मचारी नया घर बनवा रहा है, तो उसे सरकार की ओर से अधिकतम 25 लाख रुपए या 34 महीने के मूल वेतन की बराबर की रकम बतौर एडवांस दी जाएगी.
इतना ही नहीं, यदि कोई कर्मचारी घर की मरम्मत, घर का विस्तार या पुर्ननिर्माण करवा रहा हो, तो ऐसे में उसे सरकार की ओर से अधिकतम 10 लाख रुपये तक की सहायता दी जा सकती है. केंद्रीय कर्मचारियों के लिए यह बेहद काम की खबर है. वेतन और भत्तों के अलावा सरकार अन्य सुविधाएं भी देती है. सबसे खास बात यह है कि घर के बनाने के लिए भी कर्मचारियों को सरकार की ओर से सस्ती एवं रियायती दरों पर लोन मिलता है.
जानें कौन-कौन उठा सकता है योजना लाभ
सरकार की हाउस बिल्डिंग एडवांस होम लोन स्कीम का लाभ सभी स्थायी कर्मचारियों को मिलता है. जो कर्मचारी 5 साल से लगातार सेवा में हैं, वे भी इसके पात्र होंगे.
इसके अलावा, वे सभी कर्मचारी जिनकी नियुक्ति केंद्र सरकार द्वारा ऑल इंडिया सर्विस की सदस्यता के साथ हुई हो, वे भी इस योजना के लाभार्थी बन सकते हैं. केंद्र शासित प्रदेश एवं पूर्वोत्तर फ्रंटियर एजेंसी के कर्मचारी भी इस योजना का लाभ ले सकते हैं.
केंद्र सरकार ने एआईआर स्टाफ को भी इस योजना का लाभ पाने की पात्रता दी है.
वे सभी केंद्रीय कर्मचारी जो पेमेंट ऑफ वेजेस एक्ट़ 1936 के दायरे में आते हैं एवं वे लोग जिनकी नियुक्ति किसी अन्य विभाग या विदेश सेवा में हुई है, वे भी इसके पात्र होंगे.
खास बात यह है कि निलंबित कर्मचारी एवं एक्स सर्विसमैन भी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं, बशर्ते वे मौजूदा नियमों एवं पात्रता की शर्तों पर खरे उतरते हों.
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