7th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर सामने आई है. दरअसल नरेंद्र मोदी सरकार नए साल से पहले केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दे सकती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार केंद्रीय कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन को 18 हजार रुपए से बढ़ाकर 26 हजार रुपए कर सकती है. वित्त मंत्रालय इस संबंध में जल्द घोषणा कर सकता है. मालूम हो कि केंद्रीय कर्मचारी लंबे समय से न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं. माना जा रहा है कि अगले दो महीने के भीतर सरकार 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को ये बड़ा तोहफा न्यू ईयर गिफ्ट के तौर पर दे सकती है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्रीय कैबिनेट की इस महीने 10 नवंबर के बाद बैठक होने जा रही है. माना जा रहा है कि इसमें कई बड़े फैसले किए जा सकते हैं. इस बैठक में ही केंद्रीय कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी के संबंध में निर्णय लिया जा सकता है. बताया जा रहा है कि इस प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी मिलते ही वित्त मंत्रालय की तरफ से आधिकारिक घोषणा की जाएगी.
न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी के साथ ही केंद्रीय कर्मचारी फिटमैंट फैक्टर को 2.57 से बढ़ाकर 3.68 फीसदी करने की मांग कर रहे हैं. इससे पहले मोदी सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (DA) में 5 फीसदी की बढ़ोतरीव के साथ ही परिवहन भत्ते यानि कि ट्रांसपोर्ट अलाउंस (TA) में भी बढ़ोतरी की थी. इस फैसले के बाद कर्मचारियों को फेस्टिव सीजन में सरकार की तरफ से डबल गिफ्ट मिला था. ट्रैवेल अलाउंस वह भत्ता है जो सरकार के अधीन कार्य कर रहे कर्मचारियों को स्पेशल इंसेटिव के रूप में प्राप्त होता है.
न्यूनतम पेंशन को 7500 करने की कर रहे हैं मांग
ईपीएफओ के दायरे में आने वाले कर्मचारियों और पेंशनभोगियों का न्यूनतम पेंशन 7500 रुपए मासिक किए जाने की मांग को लेकर राष्ट्रीय संघर्ष समिति ने पूरे देश में आंदोलन करने का निर्णय किया है. एनएसी ने बुधवार को कहा कि संगठन शामिल पेंशनभोगी दिल्ली में अगले माह रास्ता रोको अभियान चलाएंगे. एनएसी के राष्ट्रीय संयोजक और अध्यक्ष अशोक राउत ने कहा तीस साल काम करने और ईपीएस आधारित पेंशन मद में निरंतर योगदान करने के बाद भी कर्मचारियों को मासिक पेंशन के रूप में अधिक्तम 2500 रुपए ही मिल रहे हैं. इससे कर्मचारियों और उनके परिजनों का गुजर-बसर करना कठिन है.
कर्मचारी पेंशन योजना 05 के दायरे में आने वाले कामगारों के लिए मासिक मूल पेंशन के रूप में 7500 रुपए के साथ इस पर महंगाई भत्ता देने, कर्मचारियों के पति/पत्नी को मुफ्त चिकित्सा सुविधा देने समेत अन्य मांग कर कर रहे हैं. इसके अलावा संगठन ने पेंशन के बारे में उच्चतम न्यायालय के फैसले को लागू करने तथा ईपीएस 95 के दायरे में नहीं आने वाले सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भी 5000 रुपए मासिक पेंशन देने की मांग की है.
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Why are they linking DA with the minimum fitment factor. DA is because of poor governance i.e. govt. is not able to control the prices hike. Hence they compensate.