7th Pay Commission, 7th CPC latest news: बहुत समय से सरकारी कर्मचारी सातवें वेतन आयोग के तहत न्यूनतम वेतन बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. हालांकि केंद्र सरकार इस पर किसी भी तरह का फैसला नहीं ले रही है. सरकारी कर्मचारियों को उम्मीद थी कि इस बार के बजट में सरकार उनके लिए कुछ फायदेमंद घोषणा करेगी. हालांकि ऐसा नहीं हुआ. इसके बाद सवाल खड़ा होता है कि क्या सरकार न्यूनतम वेतन बढ़ाने के लिए तैयार है?
नई दिल्ली. 7th Pay Commission, 7th CPC latest news: नरेंद्र मोदी सरकार कथित तौर पर सरकारी कर्मचारियों की सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों पर मूकदर्शक बनी बैठी है. लंबे समय से न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी को लेकर सरकारी कर्मचारी मांग कर रहे हैं. 28 जनवरी को नेशनल जॉइंट काउंसिल ऑफ एक्शन (एनजेसीए) के प्रमुख शिव गोपाल मिश्रा ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बीच चल रही नाराजगी को शांत करने के लिए पहल की है और आगामी आम चुनाव 2019 से पहले न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी पर विचार कर रहे हैं.
केंद्र को सरकारी कर्मचारियों में आक्रोश की जानकारी है वो मोदी सरकार से नाखुश हैं और इसलिए वो उनकी मांग को पूरा करने के लिए एक रास्ता निकालने की कोशिश कर रहे हैं. शिव गोपाल मिश्रा ने कहा कि गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने न्यूनतम वेतन के मुद्दे और वृद्धावस्था पेंशन योजना के मामले को सुलझाने के लिए वित्त मंत्री पीयूष गोयल से बात की है. इसके अलावा गृह मंत्री ने 8 फरवरी को अंतरिम वित्त मंत्री के साथ केंद्र सरकार के कर्मचारी यूनियनों की बैठक बुलाई है. एनजेसीए विभिन्न केंद्रीय सरकार कर्मचारी यूनियनों के लिए एक संगठन है, जिसमें आयकर, रेलवे समेत पोस्ट और टेलीग्राफ भी शामिल हैं.
क्यों हैं सरकारी कर्मचारी निराश?
अंतरिम बजट 2019 ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों को निराश किया क्योंकि उन्हें एनडीए सरकार से बहुत उम्मीदें थीं लेकिन उनके लिए इस बजट में कोई ऐलान नहीं किया गया. इसके अलावा वित्त राज्य मंत्री पी राधाकृष्णन ने एक बयान में कहा था कि सरकारी कर्मचारियों के फिटमेंट फैक्टर में किसी भी तरह की बढ़ोतरी का कोई प्रस्ताव नहीं था. ये भी सरकारी कर्मचारियों के लिए जख्म देने जैसा था.
क्या है सरकारी कर्मचारियों की मांग?
मौजूदा समय में सरकारी कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये मिल रहा है. हालांकि उनकी मांग है इसे बढ़ाकर 26,000 रुपये कर दिया जाए. इसमें 8000 रुपये की बढ़ोतरी या मौजूदा फिटमेंट फैक्टर को 2.53 गुना से 3.68 गुना बढ़ाने की मांग है.
वहीं गृह मंत्री राजनाथ सिंह की पहल के बारे में सरकारी कर्मचारियों का कहना है कि कई निराशाओं के बाद आखिरकार हमारे लिए कुछ अच्छा होने जा रहा है. हम केंद्र के कदम का स्वागत करते हैं. हमारी मांग वास्तविक है क्योंकि वर्तमान न्यूनतम वेतन से हमारी वित्तीय स्थिति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है. सरकारी कर्मचारियों ने कहा कि सरकार को बिना किसी देरी के इस संबंध में तत्काल कदम उठाना चाहिए. अभी तक न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी के बारे में कोई रिपोर्ट नहीं है. हालांकि पहले कहा जा रहा था कि ये 21,000 रुपये किया जा सकता है. अभी इसमें कोई आधिकारिक घोषणा के लिए केंद्र सरकार के कर्मचारियों को इंतजार करना होगा.
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