7th Pay Commission: जानें क्या हैं सातवें वेतन आयोग के तहत की गई मांगे, सरकारी कर्मचारियों को क्या होगा फायदा

7th Pay Commission, 7th CPC Latest News: 7वें वेतन आयोग के तहत केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. इस फैसले से कई लाखों सरकारी कर्मचारियों को फायदा होगा. सरकारी कर्मचारियों को लाखों का एरियर भी दिया जाएगा. सरकार कर्मचारियों की मांग है कि उनके न्यूनतम वेतन में बढ़ौतरी की जाए और फिटमेंट फैक्टर में भी इजाफा हो.

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7th Pay Commission: जानें क्या हैं सातवें वेतन आयोग के तहत की गई मांगे, सरकारी कर्मचारियों को क्या होगा फायदा

Aanchal Pandey

  • January 17, 2019 9:45 am Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली. आने वाले लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार अपने सरकारी कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग के तहत फायदा पहुंचाने वाली है. बता दें कि 2014 सातवें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दी गई थी. ये मंजूरी प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति और सैन्‍य बल न्‍यायाधिकरण के सेवानिवृत्त अध्‍यक्ष न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार माथुर की अध्‍यक्षता में दी थी. केंद्रीय वेतन आयोग सरकार कर्मचारियों के वेतनमान, सेवा निवृत्ति के फायदे और अन्‍य सेवा शर्तों संबंधी मुद्दों पर विचार करने के लिए गठित किया जाता है. इस बारे में 19 नवंबर 2015 को रिपोर्ट आई. रिपोर्ट के मुताबिक जवानों को मिलने वाली कई तरह की सेवाओं में बढ़ौतरी की सिफारिश की गई थी. 2016 में सरकार ने इसकी सिफारिशों को मंजूर करके इन्‍हें सशस्‍त्र सेना पर लागू कर दिया था.

बता दें कि इसके तहत पिछले साल 30 जनवरी 2018 को राष्‍ट्रपति ने भारत के मुख्‍य न्‍यायधीश का वेतन एक लाख से बढ़ाकर 2.80 लाख रुपए कर दिया था. साथ ही सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जजों के वेतन बढ़ाया गया था. वेतन आयोग ने सिफारिश की थी कि वेतन-भत्तों और पेंशन में 23.55 प्रतिशत की वृद्धि की जाए. हालांकि इससे सरकारी खजाने पर 1.02 लाख करोड़ रुपये और जीडीपी पर 0.7 प्रतिशत का बोझ पड़ेगा. साथ ही मूल वेतन में 14.27 प्रतिशत वृद्धि की सिफारिश की गई थी. वहीं छठे वेतन आयोग में 20 प्रतिशत वृद्धि की सिफारिश की गई थी जो 2008 में क्रियान्वयन के समय दोगुना कर दिया था. इसमे भत्तों में बढ़ोतरी भी शामिल है. आयोग की रिपोर्ट में कहा गया कि न्यूनतम वेतन 7,000 रुपये से बढ़ाकर 18,000 रुपये प्रति माह कर दिया जाए और अधिकतम वेतन 90,000 रुपये से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये और सेना का न्यूनतम वेतन 6000 से बढ़ाकर 15,500 रुपये किया जाए.

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सातवें वेतन आयोग के तहत रिटायर्ड कर्मचारियों की पेंशन में भी 24 प्रतिशत बढ़ोतरी की सिफारिश की गई. वहीं प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के लिए सरकार ने ग्रैच्युटी की सीमा बढ़ाई थी. ग्रैच्युटी की सीमा 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपये करने, पे ग्रेड, सैलरी बैंड खत्म करने और सभी केंद्रीय सेवाओं में फर्क खत्म करने की मांग की गई. केंद्रीय सरकारी नौकरी में एक पद, एक पेंशन की मांग भी की जा रही है. सातवें वेतन आयोग की ये सभी मांग यदि लागू होती हैं तो केंद्र सरकार पर करीब 1 लाख करोड़ रुपये का बोझ बढ़ेगा. वहीं सरकार कर्मचारियों का वेतन बढ़ने से वित्तीय घाटा जीडीपी का 0.65 प्रतिशत बढ़ेगा. यदि पेंशन बिल में 33,700 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई तो बजट पर 74,000 करोड़ रुपये का बोझ बढ़ेगा. वहीं भारतीय रेलवे के बजट पर 28,000 करोड़ रुपये का बोझ बढ़ेगा.

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