7th Pay Commission: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आदेश दिया है कि जौनपुर स्थित पूर्वांचल यूनिवर्सिटी और उससे जुड़े कॉलेजों में मानदेय कर काम कर रहे असोसिएट प्रोफेसर्स को सातवें वेतन आयोग के तहत न्यूनतम वेतन दिया जाएगा. अब तक नियमित टीचर्स को ही 7वें वेतन आयोग के तहत सैलरी दी जाती थी.
नई दिल्ली/प्रयागराज. उत्तर प्रदेश के जौनपुर स्थित पूर्वांचल यूनिवर्सिटी के पोस्टग्रेजुएट कॉलेजों में मानदेय पर काम करने वाले असोसिएट प्रोफेसर्स को 7वें वेतन आयोग के तहत न्यूनतम वेतन मिलेगा. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यह आदेश दिया है. लेकिन इन्हें भत्ते नहीं दिए जाएंगे. फिलहाल इन शिक्षकों को छठे वेतन आयोग के तहत न्यूनतम वेतन मिल रहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने भी आदेश में कहा था कि अगर नियमित असोसिएट प्रोफेसर्स की सैलरी बढ़ेगी तो मानदेय असोसिएट प्रोफेसर्स का वेतन भी बढ़ेगा. कोर्ट ने कहा कि सरकार मानदेय टीचर्स को रेग्युलर करने पर विचार कर रही है. लिहाजा 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों का फायदा मानदेय टीचर्स को देने से मना करने का कोई मतलब नहीं है. जस्टिस अश्वनी कुमार ने डॉ. गणेश दीक्षित औ अन्य दो लोगों की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया.
हालांकि सरकार की दलील थी कि मानदेय टीचर्स की न्यूनतम सैलरी के अलावा डीए भी बढ़ रहा है, जिसमें इजाफा होता रहता है. लेकिन 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें मानदेय टीचर्स पर लागू नहीं हैं. इसका फायदा सिर्फ रेग्युलर टीचर्स को मिल रहा है. कोर्ट ने सरकार की दलील को खारिज करते हुए कहा कि मानदेय टीचर्स 7वें वेतन आयोग के मुताबिक न्यूनतम वेतन पाने के हकदार हैं. इसके अलावा केंद्रीय कर्मचारियों को भी जल्द ही खुशखबरी मिलने वाली है. नरेंद्र मोदी सरकार मार्च 2019 में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने पर विचार कर रही है. अगर ऐसा होता है तो कर्मचारियों को मार्च में बड़ी सौगात मिलेगी.
7th Pay Commission: 7वें वेतन आयोग से जुड़े ये पांच घटनाक्रम जिन्हें जानना आपके लिए जरुरी है!
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