चुनावी चौराहा: महागठबंधन को है ओवैसी से खतरा

इंडिया न्यूज अपने विशेष शो 'चुनावी चौराहा' की इस कड़ी में जनता की नब्ज़ टटोलने के लिए पूर्णिया पहुंचा हैं. पूर्णिया 300 साल पुराना जिला है. मुगलों के समय में ये अलग राज्य हुआ करता था. पूर्णिया हिंदी के बड़े लेखक फणीश्वर नाथ रेणु का भी गृह जिला है.

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चुनावी चौराहा: महागठबंधन को है ओवैसी से खतरा

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  • October 15, 2015 11:44 am Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
पटना. इंडिया न्यूज अपने विशेष शो ‘चुनावी चौराहा’ की इस कड़ी में जनता की नब्ज़ टटोलने के लिए पूर्णिया पहुंचा हैं. पूर्णिया 300 साल पुराना जिला है. मुगलों के समय में ये अलग राज्य हुआ करता था. पूर्णिया हिंदी के बड़े लेखक फणीश्वर नाथ रेणु का भी गृह जिला है.
 
पूर्णिया में विधानसभा की कुल सात सीटें हैं. 2010 के विधानसभा चुनाव में तीन सीटों पर बीजेपी, दो सीटों पर जेडीयू, एक सीट पर आरजेडी और एक सीट पर कांग्रेस की जीत हुई थी. पूर्णिया से बीजेपी विधायक राजकिशोर केशरी की साल 2011 में हत्या के बाद उनकी विधवा किरण केशरी को पूर्णिया का विधायक बनाया गया था.
 
बता दें कि पूर्णिया में आखिरी यानि पांचवें चरण में पांच नवंबर को चुनाव होगा. जिले में इस बार NDA और महागठबंधन को टक्कर देने के लिए AIMIM के अध्यक्ष अकबरुद्दीन ओवैसी ने भी चुनाव लड़ने का फैसला किया है. ओवैसी सीमांचल क्षेत्र के चार जिलों अररिया, पूर्णिया, किशनगंज,  और कटिहार से चुनाव लड़ेंगे.

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