मांझी को हटाने से मर्माहत हैं मोदी तो सीएम कैंडिडेट बना दें: नीतीश
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि जीतनराम मांझी को सीएम बनाने-हटाने का सबक ये रहा कि अब कोई किसी पर विश्वास नहीं करेगा. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि अगर बीजेपी मांझी को हटाने से इतनी आहत और मर्माहत है तो मांझी को एनडीए का सीएम कैंडिडेट घोषित कर दे.
October 12, 2015 1:58 pm Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
नई दिल्ली. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि जीतनराम मांझी को सीएम बनाने-हटाने का सबक ये रहा कि अब कोई किसी पर विश्वास नहीं करेगा. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि अगर बीजेपी मांझी को हटाने से इतनी आहत और मर्माहत है तो मांझी को एनडीए का सीएम कैंडिडेट घोषित कर दे.
इंडिया न्यूज़ के कार्यक्रम संवाद में एडिटर-इन-चीफ दीपक चौरसिया के साथ बातचीत में नीतीश ने जीतनराम मांझी के आरोपों पर कहा कि कोई किसी को पूरी ताकत दे दे और जो पार्टी सब दे, आप उसी पार्टी के खिलाफ राजनीतिक रूप से काम करें तो कौन विश्वास करेगा.
अमर्यादित बयानबाजी में मांझी का इस्तेमाल कर रही है बीजेपी
नीतीश ने कहा कि मांझी को हटाने से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी को इतना दर्द है और इतनी सहानुभूति है तो मांझी को एनडीए का सीएम कैंडिडेट क्यों नहीं बना देते. उन्होंने कहा कि ये सिर्फ मांझी का इस्तेमाल कर रहे हैं क्योंकि बीजेपी को एक ऐसा आदमी चाहिए जो मर्यादा की परवाह किए बिना उनके खिलाफ लगातार बोलता रहे.
लालू के साथ जाना समय की जरूरत, वोट का बिखराव रोकना मकसद
लालू यादव के साथ गठबंधन के सवाल पर नीतीश ने माना कि बीजेपी विरोधी वोट का बिखराव रोकने के लिए आरजेडी और जेडीयू के बीच तालमेल हुआ है जो समय की जरूरत थी. उन्होंने कहा कि जब वो बीजेपी के साथ थे तब भी लोग बोलते थे और आज लालू के साथ हैं तो भी बोलते हैं.
सुशील मोदी के चक्कर में बीजेपी नेताओं का डिनर हुआ था कैंसिल
2010 में बीजेपी नेताओं के लिए आयोजित डिनर कैंसिल करने के सवाल पर नीतीश ने कहा कि हमारी तो सारी तैयारी हुई रखी थी लेकिन सुशील मोदी के चक्कर में यह रद्द हुआ. नीतीश ने कहा कि वो अब कभी सुशील मोदी के चक्कर में नहीं पड़ने वाले हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री समेत बीजेपी के कई नेता 2010 के जून की घटना पर 2015 के अक्टूबर में चर्चा कर रहे हैं. इससे इतना मर्माहत थी बीजेपी तो तभी अलग हो जाती लेकिन वो साथ रहे और उसके बाद चुनाव भी साथ लड़े.
बिहार से गए डीएनए सैंपल रिसीव नहीं कर रहे प्रधानमंत्री मोदी
नीतीश ने कहा कि बिहार से जो लाखों डीएनए सैंपल प्रधानमंत्री को भेजे गए वो आज भी डाकघर में पड़े हैं. उन्होंने कहा कि डाक व्यवस्था है कि डाक या तो डिलीवर किया जाता है या वापस लौटा दिया जाता है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री इस मुद्दे पर भी चुप हैं जबकि उन्हें डीएनए सैंपल रिसीव करना चाहिए या कह देना चाहिए कि हमें नहीं चाहिए और इसे भेजने वाले को लौटा दिया जाए.
प्रधानमंत्री बनने का सपना देखना कोई अपराध तो नहीं
बीजेपी नेताओं की तरफ से उन पर प्रधानमंत्री बनने का सपना देखने के आरोप पर नीतीश ने सवाल किया कि पीएम पद का सपना देखना कोई अपराध है क्या. उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी के पास प्रधानमंत्री के तौर पर उपलब्धियों के नाम पर बस विदेश यात्रा और घोषणाएं ही हैं.