अहमदाबाद. गुजरात में अहमदाबाद के जीएमडीसी ग्राउंड में राज्य सरकार की ओर से सबसे बड़े नवरात्रि उत्सव के आयोजन में मुस्लिम और अन्य धर्म वाले लोगों का भी स्वागत होता आया है. यहां आम लोग बिना किसी खर्च के गरबा डांस में हिस्सा ले सकते हैं. भले ही हिंदू कट्टरपंथी कैसे भी बयान दें रहे हो इसके आयोजकों ने सभी धर्मों के लोगों को गरबा की संस्कृति बताया है.
कोरियोग्राफी करते हैं अंकुर पठान
महत्वपूर्ण बात यह है कि यहां पर उद्घाटन समारोह में जो गरबा डांस होता है उसकी कोरियोग्राफी करते हैं एक मुस्लिम अंकुर पठान. 42 साल के अंकुर पठान पिछले कुछ सालों से इस कार्यक्रम की कोरियोग्राफी कर रहे हैं. वह खुद भी अच्छा नाचते हैं. गुजरात में कुछ हिंदू कट्टरपंथी संगठनों ने चेतावनी दी है कि गैर हिन्दू नवरात्रि के कार्यक्रमों में न आएं, लेकिन पठान को इससे कोई फर्क नहीं पड़ा. अंकुर पठान कहते हैं कि वे गुजरात में पैदा हुए और गुजराती ही हैं. गरबा में वे बचपन से शिरकत करते रहे हैं और इस दौरान उन्हें भक्तिपूर्ण वातावरण में बहुत मजा आता है.
रंग भरते हैं, ढोल बनाते हैं गुलाम नबी
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में लगे अंकुर पठान इकलौते मुस्लिम नहीं हैं. गुलाम नबी यहां रंग का काम करते हैं ताकि पूरा आयोजन भरपूर रंगीन दिखे. वे भी कहते हैं कि उन्हें इस तरह की बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता है. उन्हें इस कार्यक्रमों में शामिल होना अच्छा लगता है और वे सिर्फ रंग ही नहीं करते, इस कार्यक्रम के लिए ढोल भी वही बनाते हैं.
कट्टरपंथियों से असहमत आयोजक
इन लोगों के अलावा गरबा आयोजक भी इस तरह के विचारों से परहेज रख रहे हैं. वे कहते हैं कि गुजरात में गरबा एक संस्कृति बन चुका है और इसमें कोई धार्मिक बात करना ठीक नहीं है. सिर्फ हिन्दू ही नहीं देश-विदेश से लोग इसमें हिस्सा लेने आते हैं. नवरात्रि कार्यक्रम के लिए गुजरात दुनिया भर में जाना जाता है. अगर हम इस तरह के विचारों का समर्थन करेंगे तो गुजरात की छवि ही बिगड़ेगी.