नई दिल्ली. केरल की मशहूर लेखिका सारा जोसेफ ने भी मोदी सरकार की ‘सांप्रदायिक नीतियों’ के विरोध में अपना साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटा दिया है. सारा मलयालम की बड़ी लेखिका होने के साथ-साथ सामजिक कार्यकर्ता भी हैं.
आपको बता दें कि इससे पहले हिंदी के लेखक उदय प्रकाश, कवि अशोक वाजपेयी और नयनतारा सहगल भी अपना साहित्य अकादमी पुरस्कार वापस लौटा चुके हैं. सारा ने कहा कि देश में कुछ सम्प्रदायों के खिलाफ नफरत का माहौल बनाया जा रहा है और एक लेखक होने के नाते मेरी इस सब के खिलाफ खड़े होने की जिम्मेदारी बनती है. उन्होंने आगे कहा कि सरकार देश में लोगों के ‘खाने के अधिकार’ तक को सुनिश्चित करने की स्थिति में नहीं है.
शशि देशपांडे ने भी दिया इस्तीफ़ा
मशहूर लेखक शशि देशपांडे ने भी साहित्य अकादमी की जनरल काउन्सिल से इस्तीफा दे दिया है. बताया जा रहा है कि वह कन्नड़ राइटर कलबुर्गी की हत्या से नाराज हैं. उन्होंने इन हत्याओं पर राइटर्स समुदाय की चुप्पी का भी विरोध किया है.