Advertisement

93 साल के दाऊद खान 1947 से कर रहे रामकथा

रायपुर. राष्ट्रपति पुरस्कार विजेता 93 साल के शिक्षक दाऊद खान  करीब 68 सालों से छत्तीसगढ़ सहित देश के विभिन्न शहरों में रामकथा वाचन का काम कर रहे हैं. दाऊद छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के निवासी हैं. दाऊद ने पहला प्रवचन 1947 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय में दिया था. उन्होंने रामायण कथा की प्रेरणा छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध […]

Advertisement
  • October 7, 2015 4:20 am Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
रायपुर. राष्ट्रपति पुरस्कार विजेता 93 साल के शिक्षक दाऊद खान  करीब 68 सालों से छत्तीसगढ़ सहित देश के विभिन्न शहरों में रामकथा वाचन का काम कर रहे हैं. दाऊद छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के निवासी हैं. दाऊद ने पहला प्रवचन 1947 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय में दिया था. उन्होंने रामायण कथा की प्रेरणा छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध साहित्यकार डा. पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी और सालिक राम द्विवेदी से मिली. दाऊद ने कुरान के अलावा रामायण, गुरुग्रंथ साहिब, बाइबिल और गीता सहित कई धर्मग्रंथों का गहन अध्ययन किया है. 
 
उन्हें मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने बीते सोमवार को विशेष रूप से आमंत्रित कर सम्मानित किया. उन्होंने खान को शॉल, श्रीफल और बस्तर के आदिवासी हस्तशिल्पियों द्वारा निर्मित बेलमेटल की कलाकृति ‘नंदी’ भेंटकर अपनी शुभकामनाएं दी. 
 
दाऊद खान को तत्कालीन राष्ट्रपति वराह गिरि वेंकट गिरि ने वर्ष 1970 में सम्मानित किया था. उन्हें विभिन्न संस्थाओं द्वारा समय-समय पर पुरस्कृत और सम्मानित किया गया है. वहीं राज्य सरकार के संस्कृति विभाग द्वारा पिछले महीने महंत घासीदास संग्रहालय परिसर में ‘राम : सांस्कृतिक सौहार्द के प्रतीक’ विषय पर व्याख्यान आयोजित किया गया था.  
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि दाऊद खान गोस्वामी तुलसी दास के लोकप्रिय महाकाव्य ‘रामचरित मानस’ पर आधारित अपने प्रवचनों के जरिए मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की प्रेरक जीवनगाथा को जन-जन तक पहुंचा रहे हैं. खान का सम्पूर्ण जीवन सामाजिक समरसता का प्रतीक है. मुख्यमंत्री ने खान के स्वस्थ, सुदीर्घ और यशस्वी जीवन की कामना की है.
 
IANS 

Tags

Advertisement