डॉलर के मुकाबले रुपये की वैल्यू लगातार कम हो रही है. ऐसे में विपक्षी दल सत्ताधारी बीजेपी पर हमलावर हैं. रुपये के अवमूल्यन के लिए विपक्ष मोदी सरकार की नीतियों को जिम्मेदार ठहरा रही है.
नई दिल्ली. पेट्रोल, डीजल की बढ़ती कीमत और रुपये की गिरती वैल्यू को लेकर देशभर में हंगामा मचा हुआ है. गुरूवार को रूपया डॉलर के मुकाबले 72 के पार पहुंच गया. पिछले महीने 15 अगस्त को देश ने आजादी की 72वीं सालगिरह को धूमधाम से मनाया लेकिन अब रुपया डॉलर के मुकाबले 72 पार कर गया है. एक डॉलर की कीमत 72 रुपये के पार चली गई है. हालांकि, शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले रुपया थोड़ा संभला है. दोपहर बाद तक रुपया 71.80 पर ट्रेडिंग कर रहा है.
रुपये में गिरावट के मुद्दे पर विपक्ष मोदी सरकार पर हमलावर है. विदेश मंत्री का तर्क है कि रुपये में गिरावट वैश्विक कारणों की वजह से है. रुपये में गिरावट पर चौतरफा घिरने के बाद जेटली ने जोर देकर कहा था कि अन्य मुद्राओं की तुलना में रुपये की स्थिति बेहतर है. डॉलर लगभग सभी मुद्राओं में मजबूत हुआ है. ऐसे में रुपया या तो मजबूत हुआ है या सीमित दायरे में रहा है. रुपया कमजोर नहीं हुआ बल्कि पाउंड और यूरो की अपेक्षा मजबूत हुआ है.
बता दें कि केंद्र में मोदी सरकार आने के वक्त डॉलर की कीमत 69 रुपये के करीब थी. इसके बाद लगातार रुपये की वैल्यू का अवमूल्यन हो रहा है. डॉलर वैश्विक रूप से मजबूत नजर आ रहा है. 2014 से अब तक डॉलर की कीमत करीब 13 रुपये बढ़ चुकी है. मजबूत होते डॉलर को लेकर अर्थशास्त्रियों का कहना है कि इससे घबराने की जरूरत नहीं है. इसके बावजूद विपक्ष सबसे ज्यादा चिंतित नजर आ रहा है. तेल की बढ़ती कीमतों पर पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने जून में कहा था कि मनमोहन सरकार ने दो लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का ऑइल बॉन्ड लिया था जिसे चुकाने की वजह से तेल की कीमत बढ़ रही है.
ऐसा रहा 1947 से 2018 तक डॉलर और रुपये का सफर(Rupee vs Dollar 1947 to 2018)
Rupee vs Dollar 1947-1967
अगर आजादी के बाद से रुपये और डॉलर की तुलना करें तो 1947 में जवाहर लाल नेहरू की सरकार में एक डॉलर की कीमत 3.30 रुपये थी. 1947 में 4.76 रुपये हो गई. 1964 में नेहरू की डेथ हो गई और उनके स्थान पर गुलजारी लाल नंदा ने प्रधानमंत्री का कार्यभार संभाला. वे दो साल तक प्रधानमंत्री के पद पर रहे तब तक (1966 में) डॉलर 7.50 रुपये का हो चुका था. आजादी के बाद से ही डॉलर हमेशा रुपये के मुकाबले मजबूत स्थिति में रहा है. इसके बाद लाल बहादुर शास्त्री प्रधानमंत्री बने.
Rupee vs Dollar 1967-1976
1967 में इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री बनीं तब डॉलर की कीमत 7.50 रुपये पहुंच चुकी थी. अगले तीन साल तक यही स्थिति रही. 1971 में रुपया एक पैसा मजबूत हुआ और डॉलर 7.49 पर आ गया. 1972 में डॉलर 7.59 पर पहुंच गया और अगले साल तक 7.74 का हो गया. 1976 में इंदिरा गांधी के पहले कार्यकाल के आखिरी साल में डॉलर 8.96 का हो चुका था.
Rupee vs Dollar 1977- 1984
1977 में मोरारजी देशाई प्रधानमंत्री बने तो अगले साल तक 8.13 तक आ चुका था. इसके बाद 1980 में जब इंदिरा का दूसरा कार्यकाल शुरू हुआ तो रुपया 7.86 पर था. अगले साल तक 8.66 पर पहुंच चुका था. 1984 तक इंदिरा प्रधानमंत्री रहीं तब तक डॉलर की कीमत दोहरे अंक में पहुंच चुकी थी और 11.36 तक पहुंच गया.
Rupee vs Dollar 1985-1996
इंदिरा गांधी के बाद राजीव गांधी प्रधानमंत्री बने और 1985 में डॉलर की कीमत 11.37 पर थी. इसके बाद लगातार रुपये का अवमूल्यन होता रहा और 1989 तक 16.23 रुपये का एक डॉलर हो चुका था. राजीव गांधी के बाद राष्ट्रीय राजनीति में हलचल के बाद 1990 में वीपी सिंह प्रधानमंत्री बने उस वक्त तक एक डॉलर 17.5 रुपये का हो चुका था. इसके बाद 1991 में पीवी नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री बने तब डॉलर की कीमत पहुंच चुकी थी 22.74 रुपया. 1996 तक वे प्रधानमंत्री रहे तब तक डॉलर की कीमत 35.43 रुपया हो चुकी थी.
Rupee vs Dollar 1997-2003
1997 में एचडी देवगौड़ा की सरकार बनने के समय डॉलर 36.31 रुपये का था जो कि 1998 में इंद्र कुमार गुजराल के राज में 41.26 का हो गया. 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री बने उस समय डॉलर 43.06 रुपये का था. जो कि 2003 तक उनके कार्यकाल में 46.58 तक पहुंच गया. इसके बाद आ गया मनमोहन सिंह का राज.
Rupee vs Dollar 2004-13
2004 में मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री बने उस वक्त डॉलर की कीमत 45.32 रुपया थी. जो कि उनके पहले कार्यकाल में 2009 तक 48.41 पहुंच चुकी थी. इसके बाद उनके दूसरे कार्यकाल में 2013 तक 56.57 रुपये तक पहुंच चुकी थी.
Rupee vs Dollar 2014 to Sept. 2018
2014 में नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने. उस वक्त 62.33 रुपये का डॉलर था. 2015 में डॉलर की कीमत 62.97 पहुंच गई. 2016 में रुपये में गिरावट आई और डॉलर की कीमत 66.46 रुपये हो गई. 2017 में डॉलर 67.79 तक पहुंच गया. 2018 में डॉलर 67.91 पर खुला जो कि सितंबर तक 72.12 रुपये तक पहुंच चुका है.
डॉलर के मुकाबले 71.90 के स्तर पर पहुंचा रुपया तो फिर लगी पेट्रोल की कीमत में आग, डीजल भी 72 के पार