नई दिल्ली. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने आरक्षण को लेकर छिड़ी बहस पर कहा कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कभी नहीं कहा कि आरक्षण नहीं लागू होना चाहिए बल्कि उन्होंने समीक्षा की बात कही थी. अगर हम आरक्षण को मिटा देंगे तो पिछड़े लोग तो और नीचे चले जाएंगे.
इंडिया न्यूज़ चैनल पर शुक्रवार रात 9 बजे प्रसारित होने वाले कार्यक्रम संवाद में चैनल के एडिटर-इन-चीफ दीपक चौरसिया से बातचीत में मांझी ने कहा कि जब तक आरक्षित तबके की साक्षरता दर और सामाजिक स्थिति सामान्य न हो जाए तब तक आरक्षण को टच करने का सवाल ही नहीं है.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि आरक्षण की समीक्षा में कोई हर्ज नहीं है लेकिन समीक्षा इस बात की होनी चाहिए कि और क्या कदम उठाए जाएं जिससे कमजोर तबके के बीच साक्षरता दर बढ़े और उनका मान-सम्मान बढ़े.
कोई भूल-चूक से फिर सीएम बना दे तो हम काम करने के लिए तैयार हैं
एनडीए के सीएम कैंडिडेट के सवाल पर मांझी ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कह रखा है कि वो सीएम पद के उम्मीदवार नहीं हैं लेकिन कोई भूल-चूक से बना दे तो वो काम करने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि जेडीयू की सरकार में भी मुख्यमंत्री बनने के लिए वो नीतीश के पास दरख्वास्त लेकर नहीं गए थे लेकिन नीतीश ने उन्हें सीएम बना दिया.