गाजियाबाद. यूपी के दादरी में गाय का मांस खाने की अफवाह फैलने के बाद अख़लाक़ नाम के एक शख्स की पीट-पीटकर हत्या करने के मामले में बीजेपी नेताओं की शर्मनाक प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं. इनका कहना है कि अगर घर में बीफ रखा था तो पीड़ित परिवार की गलती थी. नेताओं ने यह भी कहा कि हत्या के आरोपियों के खिलाफ मर्डर नहीं, गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज हो. मांग न पूरी होने पर गांव में महापंचायत बुलाने की चेतावनी भी दी गई है.
‘हिंदू का खून खौलना जायज’
बीजेपी की वेस्टर्न यूपी यूनिट के वाइस प्रेसिडेंट श्रीचंद शर्मा ने एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत में कहा, ”उस शख्स (अखलाक) की मौत चोटों की वजह से नहीं, बल्कि सदमे से हुई. किसी ने उसे बता दिया कि उसके बेटे की मौत हो गई. ऐसा तो हर दिन होता है. जब किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाते हैं, तो इस तरह की टकराहट होती है. यह सांप्रदायिक दंगे का मामला नहीं है. हिंदू समुदाय गाय की पूजा करता है. गोवध देखकर किसका खून नहीं खौलेगा?”
‘यह ठाकुरों का गांव यहां सोच-समझकर कुछ करना चाहिए’
दादरी के पूर्व बीजेपी एमएलए नवाब सिंह नागर ने कहा कि अगर गोवध और गाय का मांस खाना साबित हो जाता है तो शर्तिया तौर पर पीड़ित परिवार की गलती है. अगर उन्होंने गोमांस खाया है तो वे भी जिम्मेदार हैं. उन्हें यह सोचना चाहिए था कि इसकी प्रतिक्रिया क्या होगी. गोवध पर बैन है और यह मामला हिंदुओं की भावनाओं से जुड़ा हुआ है. स्वाभाविक है कि ऐसी घटनाओं से लोगों का गुस्सा भड़केगा और सांप्रदायिक तनाव भी. यह ठाकुरों का गांव है और उन्होंने बेहद उग्र तरीके से अपनी भावनाएं जाहिर की हैं.
‘हत्या नहीं गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज हो’
बीजेपी नेता शर्मा ने आरोप लगाया कि प्रशासन एक समुदाय विशेष के प्रति पक्षपातपूर्ण रवैया अपना रहा है. शर्मा ने कहा, ”हमें पता चला है कि इस मामले में धारा 302 (हत्या) और 307 (हत्या की कोशिश) के तहत मामला दर्ज किया गया है लेकिन यह सुनियोजित मर्डर नहीं था. मारपीट में एक शख्स की मौत हुई है. पुलिस को धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) का मामला दर्ज करना चाहिए था.”
महापंचायत बुलाने की दी धमकी
शर्मा ने कहा, ”सारा मामला कथित गोहत्या की वजह से हुआ. इस मामले में एक एफआईआर दर्ज होनी चाहिए. गांव में गिरफ्तारियों को लेकर डर फैल गया है. जब तक जिला प्रशासन, डीएम और दूसरे अधिकारी बैठकर हमारी मांगें नहीं सुनते, हम अपने एजेंडे के साथ आगे बढ़ते रहेंगे. हमने 11 अक्टूबर को बिसारा में महापंचायत बुलाने का फैसला किया है. शुक्रवार से हर गांव-गांव जाएंगे और लोगों को इकट्ठा करेंगे.हम उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं करेंगे.