पटना. बुनियादी सुविधाओं के अलावा इस बार बिहार चुनाव में औद्योगिक विकास भी मुद्दा होगा. इंडिया न्यूज के मैनेजिंग एडिटर राणा यशवंत बिहार पर्व की कड़ी में बेगूसराय पहुंचे जिसे बिहार की औद्योगिक राजधानी भी कहा जाता है.
बेगूसराय में इंडियन ऑयल की बरौनी रिफाइनरी और बिहार सरकार का बरौनी थर्मल पावर स्टेशन है. बरौनी का खाद कारखाना कई साल से बंद है जिसे चालू करना पिछले कई चुनाव से यहां मुद्दा रहा है. गढ़हरा में रेलवे की 2200 एकड़ जमीन खाली पड़ी है जिस पर कारखाना लगाने का वादा कई नेता कर चुके हैं लेकिन बात शिलान्यास से आगे बढ़ी नहीं.
कभी वामपंथियों का गढ़ रहा है बेगूसराय जिला
बेगूसराय जिले में सात विधानसभा सीट बेगूसराय, मटिहानी, तेघड़ा, बछवाड़ा, बलिया, चेरिया बरियारपुर और बखरी हैं. यह जिला एक जमाने में वामपंथियों के गढ़ के तौर पर मशहूर रहा है और इसे बिहार का लेनिनग्राद भी कहा जाता रहा है. इस समय भी विधानसभा में एकमात्र वामपंथी विधायक अवधेश राय बेगूसराय की बछवाड़ा सीट से ही जीते हैं.
2010 के विधानसभा चुनाव में यहां से बीजेपी को तीन, जेडीयू को दो, आरजेडी को एक और सीपीआई को एक सीट मिली थी. इस बार देखना है भूमिहार बाहुल्य इस जिले में किसकी जीत होगी? बेगूसराय में भूमिहार 35 फीसदी, मुस्लिम 20 फीसदी, ओबीसी और एससी 30 फीसदी और पंडित-राजपूत 16 फीसदी हैं.
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