गिरफ्त में आए ईसाई प्रचारक पिछले एक महीने से गांव में सक्रिय थे और स्थानीय निवासियों को बाइबल बांट रहे थे. सोमवार को प्रचारक गांव में प्रार्थना के लिए ममता नाम की महिला के घर आए थे. अपने धर्म का प्रचार करते हुए प्रचारकों ने दूसरे देवी-देवताओं का अपमान किया. आरोप है कि प्रचारकों ने परिवार के साथ जबरन धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश की.
मथुराः जबरन धर्म परिवर्तन कराने के मामले में मथुरा पुलिस ने 7 ईसाई धर्म प्रचारकों को जिले के एक गांव से गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किए गए प्रचारकों को मंगलवार को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. मिली जानकारी के अनुसार, इरौली गुर्जर गांव में पिछले एक महीने से ईसाई प्रचारक सक्रिय थे और स्थानीय निवासियों को बाइबल बांट रहे थे. ग्रामीणों ने उन्हें अनदेखा किया. सोमवार को एक आरोपी ने आक्रमक रुख अख्तियार करते हुए कुछ निचली जाति के परिवारों के साथ जबरन धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश की.
मामले ने तूल पकड़ा और ग्रामीणों की शिकायत के बाद सभी ईसाई प्रचारकों को गिरफ्तार कर लिया गया. ग्रामीणों ने बताया कि ममता नाम की शादीशुदा महिला हाल ही में गांव में रहने आई थी. ममता की बहन अनीता हाथरस में रहती है और उसने कुछ दिनों पहले ईसाई धर्म अपनाया था. सोमवार रात ममता ने प्रचारकों को प्रार्थना के लिए अपने घर बुलाया था. ममता के परिजनों ने आरोप लगाया कि अपने धर्म का प्रचार करते हुए प्रचारकों ने दूसरे देवी-देवताओं का अपमान किया. आरोप है कि प्रचारकों ने परिवार के साथ जबरन धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश की. उन्होंने इसका विरोध किया और ग्रामीणों को इस बारे में बताया.
ग्रामीणों ने पुलिस में इसकी शिकायत की. मामले के तूल पकड़ते ही ममता के ससुर सामने आए और उन्होंने प्रचारकों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. जिसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. एसपी (ग्रामीण) आदित्य शुक्ला ने बताया कि आरोपी प्रचारकों के खिलाफ आईपीसी की धारा 295-A (धार्मिक भावनाओं को अपमानित करने के लिए जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण किए गए कृत्य) के तहत मामला दर्ज किया गया है. एसपी ने बताया कि सभी आरोपी प्रचारक देश के अलग-अलग हिस्सों के रहने वाले हैं. पुलिस केस की तफ्तीश कर रही है.
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