47 वर्षीय बीएसएफ जवान दारा सिंह रिकॉर्ड 18 वीं बार आज राजपथ की परेड में हिस्सा ले रहे हैं. उनकी ओर से यह महान रेसलर दारा सिंह के लिए छोटी सी श्रद्धाजंलि है. जवान दारा सिंह ने देश की राजधानी ऐतिहासिक दिल्ली में पहला कदम 26 जनवरी 1996 को रखा. तब से वह सेना और अद्धसैनिकबलों के ग्रीनहॉर्न ट्रूपर्स के साथ लगातार मार्च करते आ रहे है. 70 किलो वजनी बीएसएफ जवान दारा सिंह की मूंछें उनकी शान हैं. वह अपनी मूछों को बीएसएफ की ट्रेडमार्क कहते हैं. 47 वर्षीय बीएसएफ जवान दारा सिंह राजपथ पर मार्च कर रहे सैनिकबलों में से सबसे पुराने सैनिक है.
नई दिल्ली. 47 वर्षीय बीएसएफ जवान दारा सिंह रिकॉर्ड 18 वीं बार राजपथ की परेड में हिस्सा ले रहे हैं. यह उनकी ओर से महान रेसलर दारा सिंह को दी एक छोटी सी श्रद्धाजंलि है. बीएसएफ जवान दारा सिंह ने देश की राजधानी ऐतिहासिक दिल्ली में अपना पहला कदम 26 जनवरी 1996 को रखा था. तब से वह सेना और अद्धसैनिकबलों के ग्रीनहॉर्न ट्रूपर्स के साथ लगातार मार्च करते आ रहे है .कोई उन्हें ‘चाचा’ और तो कोई ‘सर’ कहकर बुलाता है.
आज 26 जनवरी की परेड में 47 वर्षीय बीएसएफ जवान दारा सिंह राजपथ पर मार्च कर रहे सैनिकों में से सबसे पुराने सैनिक है. नई दिल्ली में अपने कैंप से बीएसएफ जवान दारा सिंह का कहना है कि, ‘यह पलटन(बटालियन) की शान है जो हर साल 26 जनवरी को राजपथ पर आते है. मेरी सोच हमेशा से ही यही रही कि हम अपना काम सर उठाकर पूरा करें. मेरी उम्र कोई मायने नहीं रखती. मैं आज भी राजपथ पर जाने के लिए उतना ही उत्साहित हूं जितना पहली बार था. मेरे लिए यह एक जिम्मेदारी है, क्योंकि मेरे वरिष्ठ अधिकारियों ने ही मुझे बताया कि केवल मैं ही एक साथ अपने दल को साथ लेकर चल सकता हूं.
जवान दारा सिंह से जब उनके नाम के बारें में पूछा गया तो उनका कहना था, ‘वह दिवगंत महान पहलवान दारा सिंह के सामने बहुत छोटे है. वह मेरे भगवान की तरह है. लेकिन जब भी मैं राजपथ पर मार्च करता हूं यह मेरे दल के लिए गौरव की बात है, और इसी तरह हम उनको श्रद्धाजंलि देते है’. बीएसएफ टीम कमांडर, डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल पुष्पेंद्र सिंह राठौड़ बताते हैं कि मार्च में शामिल होने वाले सैनिकों की अधिकतम उम्र 30 साल होती है. जवान दारा सिंह के अनुशासन और देश के लिए समर्पण ही उन्हें बाकी सैनिकों से अलग बनाते हैं. वह आज राजपथ पर 18वीं बार मार्च कर रहें है.
हरियाणा के चखरी दादर से आने वाले जवान दारा सिंह के गुरू मंत्र के बारें में जब पूछा गया तो उनका कहना था इघर चैन से सोना है तो होशियार रहना होगा. 70 किलो वजन और 182 सेंटीमीटर लंबे बीएसएफ जवान दारा सिंह की मूंछें उनकी शान हैं. अपनी सेहत बनाए रखने के लिए उनके नियमित आहार में दूध और घी शामिल होता है. हेड कांस्टेबल दारा सिंह मेघालय के तुरा में भारत-बांग्लादेश सीमा पर तैनात है.
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