सवाल: क्या पिछले 15 महीने में भारत में बिजनस करना आसान हुआ है, मेक इन इंडिया क्या सफल होगा?
जवाब: अगर स्कूटर टर्न करना होता है, तो उसको कुछ सेकेंड लगते हैं लेकिन 40 डिब्बे वाली ट्रेन को टर्न करने में समय लगता है. भारत में 40 साल पहले बैंकों को राष्ट्रीयकरण हुआ. मकसद था कि बैंक गरीबों के काम आने चाहिए लेकिन 40 साल में 60 फीसदी आबादी का बैंक खाता नहीं था. हमने 100 दिन में 180 मिलियन बैंक अकाउंट खोल दिए. अब आप स्पीड देखिए, स्केल देखिए. यह बदलाव की स्पीड है. मेक इन इंडिया की सफलता का मंत्र यह है कि भारत में लोक कोस्ट मैन्युफैक्चरिंग, सबसे बड़ा मार्केट, स्किल्ड मैन पावर है. पिछले 15 महीने में अकेले अमेरिका से एफडीआई 87 प्रतिशत ग्रोथ है.
सवालः महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए क्या योजना है?
जवाब: दुनिया में भगवान की कल्पना सभी समाजों में है. हर किसी समाज में भगवान पुरुष ही है. अकेला हिंदुस्तान है जहां स्त्री भगवान की कल्पना की गई है. दुर्गा, सरस्वती, काली.. आदि. जहां तक भारत का सवाल है अगर हमें आर्थिक विकास के टारगेट का हासिल करना है तो अपनी आधी आबादी को घर में बंद नहीं रख सकते हैं. नारी शक्ति को विकास यात्रा में शामिल करना होगा. हम इस दिशा में प्रयास कर रहे हैं. आज भी दुनिया के कई देश हैं, जहां महिला का चुनाव जीतना मुश्किल है. भारत में अनेक राज्य ऐसे हैं जहां स्थानीय निकायों में 50 फीसदी महिलाओं के लिए आरक्षण है. संसद और विधानसभाओं में भी उनकी भागीदारी तय करने के लिए बहस चल रही है. मैं जब गुजरात का सीएम था तो मैंने स्कूलों में पिता के साथ माता के नाम को भी जरूरी कर दिया था.