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आखिर BJP-SP कैसे करा पाएंगी मुजफ्फरनगर दंगों की जांच

वर्ष 2013 में हुए मुजफ्फरनगर दंगों की जांच कर रहे जस्टिस (रिटायर्ड) विष्णु सहाय आयोग ने दंगों में समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के स्थानीय नेताओं की भूमिका पर सवाल उठाए हैं. आयोग ने 775 पन्नों की रिपोर्ट में पुलिस और प्रशासन पर लापरवाही के आरोप भी लगाए हैं. इंडिया न्यूज़ के विशेष शो बड़ी बहस में आज सवाल यही है कि केंद्र की मोदी सरकार और यूपी की अखिलेश सरकार की लिप्तता की बात सामने आने के बाद जांच कैसे आगे बढ़ेगी?

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  • September 24, 2015 3:30 pm Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
लखनऊ. वर्ष 2013 में हुए मुजफ्फरनगर दंगों की जांच कर रहे जस्टिस (रिटायर्ड) विष्णु सहाय आयोग ने दंगों में समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के स्थानीय नेताओं की भूमिका पर सवाल उठाए हैं. आयोग ने 775 पन्नों की रिपोर्ट में पुलिस और प्रशासन पर लापरवाही के आरोप भी लगाए हैं. इंडिया न्यूज़ के विशेष शो बड़ी बहस में आज सवाल यही है कि केंद्र की मोदी सरकार और यूपी की अखिलेश सरकार की लिप्तता की बात सामने आने के बाद जांच कैसे आगे बढ़ेगी?
 
आपको बता दें कि वर्ष 2013 में हुए इन दंगों में 60 लोगों की मौत हुई थी, और 50,000 से ज़्यादा लोगों को बेघर होना पड़ा था. राज्यपाल राम नाइक को सौंपी गई यह रिपोर्ट तैयार करने के लिए आयोग ने 101 अधिकारियों और 377 आम लोगों से पूछताछ की. जांच आयोग का गठन उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी की अखिलेश यादव सरकार ने ही किया था. रिपोर्ट में सभी सवालों के जवाब होने का दावा करते हुए मीडिया से बातचीत में जस्टिस सहाय ने कहा, ‘दंगा कहां से शुरू हुआ, इस पर मैं कुछ नहीं बोलूंगा… मेरी रिपोर्ट में सारी बातें हैं… मामले की जांच में कोई रुकावट नहीं आई और मुझे हर वर्ग का सहयोग मिला…’

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