नई दिल्ली. गांवों और छोटे शहरों में लगने वाले मेलों में खिलौने बेचने की आड़ में शर्तिया लड़का होने की दवा बेचने वाले व्यक्ति को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने दबोच लिया है. उसके एजेंट के रूप में कार्य करने वाली गांव बीहटा की दाई को भी पकड़ा है. पुलिस ने PCPNDT एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया है. पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम दोनों धोखेबाजों से पूछताछ कर रही है.
क्या था पूरा मामला
डीसी मनदीप सिंह बराड़ को सूचना मिली थी कि दर्शनलाल मेलों में खिलौनों की फड़ी लगाता है. इसकी आड़ में वह ग्राहकों को शर्तिया बेटा होने की दवा बेचकर खूब कमाई करता है. वह गोरखधंधे को अपने मजबूत नेटवर्क के जरिए चला रहा था. गांव बीहटा की रहने वाली दाई लक्ष्मी देवी भी उसके इस गोरखधंधे का हिस्सा थी. वह उससे शर्तिया लड़का होने की दवाइयां लेकर ग्राहकों को बेचती थी. यह गोरखधंधा जड़ें मजबूत करता जा रहा था. दर्शनलाल के एजेंट ग्राहकों को गोपनीय ढंग से उस तक भिजवाते थे. रैकेट का भंडाफोड़ करने के लिए डीसी ने सिविल सर्जन डॉक्टर विनोद गुप्ता के नेतृत्व में डिप्टी सिविल सर्जन एवं पीसीपीएनडीटी के नोडल अधिकारी डॉक्टर बीबी लाला व डॉक्टर पवन चौधरी की स्पेशल टीम गठित करने के निर्देश दिए. स्पेशल टीम ने शर्तिया लड़का होने की दवा खरीदने के लिए नकली ग्राहक बनाए और इस रैकेट का पर्दाफाश कर दर्शन लाल और उसकी एजेंट दाई को रंगे हाथों काबू कर लिया.
नकली ग्राहकों के दम पर आरोपियों को फंसाया
स्वास्थ्य महकमा दोनों ठगों को रंगे हाथों पकड़ना चाहता था. इसलिए स्वास्थ्य महकमे ने नकली ग्राहकों के दम पर जाल बुना. सीएमओ डॉक्टर विनोद गुप्ता व डिप्टी सीएमओ डॉक्टर बीबी लाला ने बताया कि टीम ने एक महिला व पुरुष को दंपति बनाकर गांव बीहटा में दाई लक्ष्मी देवी के पास यह दवाई लेने के लिए भेजा और लड़का होने की दवाई देते हुए दाई को रंगे हाथों पकड़ने में सफलता प्राप्त की. दाई के विरुद्ध साहा थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है.