वाशिंगटन. भारत में अपार संभावनाओं का हवाला देते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अमेरिकी उद्योग से आज कहा कि वे सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों में निवेश करें जिससे दोनों देशों को फायदा हो. अमेरिका भारत व्यापार परिषद (USIBC) की 40वीं वर्षगांठ के मौके पर आयोजित समरोह में स्वराज ने अपने भाषण में कहा कि अमेरिकी उद्योग अपने कारोबारी फैसले करने के लिए सबसे अनुकूल स्थिति में है. उन्होंने कहा ‘यदि मैं भारत के आर्थिक लक्ष्य और दोनों देशों के लिए आर्थिक अवसर के आकार को रेखांकित करुं तो इससे मदद मिलेगी.’
कारोबार है मोदी सरकार का प्रमुख एजेंडा
सुषमा ने अमेरिका के शीर्ष उद्योगपतियों को संबोधित करते हुए कहा कि अब 100 स्मार्ट सिटी बनाने, गंगा नदी के निर्मल और अविरल बनाने, इसके तट पर शहरों के विकास और 2022 तक 30 करोड युवाओं को कौशल प्रदान करने पर ध्यान दिया जाएगा. स्वराज ने कहा ‘भारत की मौजूदा सरकार की कूटनीति का प्रमुख एजेंडा है, कारोबार. पहले दिन से ही सरकार की प्राथमिकता रही है भारत में और भारत के साथ कारोबार सुगम बनाना.’
उन्होंने कहा ‘शहरीकरण को प्रोत्साहित करने की हमारी योजना है और हम सभी के लिए सस्ती बिजली और सस्ता घर मुहैया कराने के लिए दृढ हैं. हम भारत में विनिर्माण को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला से जोडना चाहते हैं और हमने डिजिटल इंडिया के ईद-गिर्द उत्पाद आधारित एवं सेवा आधारित औद्योगिक एवं संचालन मंच विकिसित करने का लक्ष्य रखा है.’ स्वराज ने कहा कि उक्त सभी योजनाएं अमेरिकी उद्योग के लिए सही मायने में वाणिज्यिक और कारोबारी अवसर प्रदान करती हैं ताकि दोनों देशों के फायदे के लिए भारतीय सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्रों और एक वृहत्तर अर्थव्यवस्था के साथ भागीदारी की जा सके.
अमेरिका के साथ मजबूत होगी साझेदारी
सुषमा ने कहा ‘ऐसा करते हुए, जैसा आपका लक्ष्य है, आप अपने संगठन के लिए धन सृजन भी कर सकेंगे.’ इसके अलावा यह भी महत्वपूर्ण है कि अमेरिकी कंपनियां समाज का मूल्यवर्द्धन भी करेंगी, भारत की वृद्धि की संभावना के साथ दीर्घकालिक संबंध जोडेंगी और अमेरिका-भारत रणनीतिक भागीदारी के आर्थिक पक्ष को भी मजबूत करेंगी. उन्होंने कहा ‘हम दोनों देशों के बीच व्यापार को सिर्फ कारोबार की तरह नहीं बल्कि बेहद महत्वपूर्ण रणनीतिक मेल की अभिव्यक्ति और इसके गुणक के तौर पर देखते हैं. हमें उम्मीद है कि उद्योग इसके अनुकूल पहल करेगा.’
सुषमा ने कहा कि भारत यह सुनिश्चित करना चाहता है कि जो रोजगार पैदा करते हैं ओर दोनों देशों के लिए मूल्यवर्द्धन करते हैं उनकी चिंता का समाधान हो. उन्होंने कहा कि सरकार के फैसलों से पिछले एक साल में भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश बढेगा. वाणिज्यि मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस मौके पर कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने द्विपक्षीय आर्थिक मोर्चे पर महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किया है.
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने भारत में निवेश के संबंध में विदेशी कंपनियों को भरोसा बढाने के लिए कई पहलें की हैं. उन्होंने कहा कि इसमें कारोबार सुगमता से जुडी कई पहलें हैं. भारत में – बुनियादी ढांचा क्षेत्र, स्मार्ट सिटी का निर्माण में अपार अवसर हैं. सीतारमण ने कहा ‘हम भारत में रचि लेने और निवेश करने के लिए आपका स्वागत करते हैं.’
एजेंसी