चेन्नई. तमिलनाडु में कुडनकुलम परमाणु बिजली परियोजना और मद्रास परमाणु बिजली केंद्र (एमएपीएस) के बिजली रिएक्टर जल्द ही शुरू हो सकते है. भारतीय परमाणु बिजली निगम लिमिटेड (एनपीसीआईएल) ने बताया है कि ये दोनों परमाणु रिएक्टर जल्द ही शुरू हो जाऐंगे.
एमएपीएस के डायरेक्टर टी.जे. कोटेश्वरन ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हमारा पहला परमाणु रिएक्टर मंगलवार से शुरु हो जाएगा और इसे बुधवार को ग्रिड से जोड़ा जाएगा. हालांकि एक पंप में खराबी की वजह से 16 सितंबर को रिएक्टर बंद कर दिया गया था . एमएपीएस में 220 मेगावाट की दो परमाणु बिजली रिएक्टर हैं.
दूसरी ओर पॉवर सिस्टम ऑपरेशन कॉरपोरेशन लिमिटेड के मुताबिक, कुडनकुलम परमाणु बिजली परियोजना (केएनपीपी) की 1,000 मेगावाट की पहला परमाणु रिएक्टर 23 सितंबर को फिर से शुरू होगा. सालाना रखरखाव के मकसद से इस इकाई को 24 जून, 2015 को बंद किया गया था. जून में इसे बंद करने से पहले एनपीसीआईएल ने कहा था कि इसे सालाना रखरखाव कार्य के बाद 60 दिन में फिर से चालू किया जाएगा.
आपको बता दें कि एनपीसीआईएल केएनपीपी में रूस की मदद से दो इकाई स्थापित कर रही है. दूसरी रिएक्टर का काम 98.44 फीसदी पूरा हो गया है. इसमें भी परमाणु ऊर्जा से बिजली बनाने का काम नवंबर 2015 में शुरू किया जा सकता है. राज्य के तिरुनेलवेली जिले में कुडनकुलम में एनपीसीआईएल ने रूस से मंगवाए गए 1,000 मेगावाट क्षमता के दो रिएक्टर स्थापित किए हैं. इस परमाणु संयंत्र के दोनों रिएक्टरों को बनाने में अब तक 17 हजार करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं. दोनों ग्रिडों का चालू होना इसे एक बहुत बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है. स्थानीय लोगों ने इस न्यूक्लियर प्लांट का जबरदस्त विरोध किया था. उसके कारण ये लगने लगा था कि ये प्रोजेक्ट पूरा होगा या नहीं. परियोजना का विरोध कर रहे संगठन ‘पीपुल्स मूवमेंट अगेंस्ट न्यूक्लीयर एनर्जी’ (पीएमएएनई) ने संयंत्र में निष्क्रिय इकाइयों को बंद करने की मांग की है. केएनपीपी भारत का पहला ‘प्रेसराइज्ड वाटर रिएक्टर’ है, तथा लाइट वाटर रिएक्टरों की श्रेणी में आता है.
IANS