नई दिल्ली. नेताजी सुभाष चंद्र बोस की रोमांचक ज़िंदगी और रहस्यमय मौत एक बार फिर सरकार के लिए सवाल बन गई है. सवाल वही है, जिसका जवाब पिछले साल और एक महीने से पूरा देश जानना चाहता है कि आखिर नेताजी की मौत कब, कहां और कैसे हुई ?
केंद्र सरकार ने इस बारे में तीन-तीन जांच आयोग गठित किए, लेकिन इस सवाल का जवाब नहीं मिला कि क्या वाकई 18 अगस्त 1945 को ताइवान के पास विमान हादसे में नेताजी की मौत हो गई थी? नेताजी का परिवार ये बात नहीं मानता और अब पश्चिम बंगाल सरकार ने नेताजी से जुड़ी 64 फाइलें सार्वजनिक की हैं, उनसे भी यही संकेत मिल रहे हैं.
केंद्र सरकारें अब तक यही कहती रही हैं कि नेताजी से जुड़े गोपनीय दस्तावेज़ सार्वजनिक करना देश के हित में नहीं है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या अब इस मामले में केंद्र सरकार ममता बनर्जी की तरह दिलेरी दिखाएगी ?