वाराणसी. इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद नौकरी गंवा चुके शिक्षा मित्रों के मामले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वाराणसी में कहा कि शिक्षा मित्र अपना हौसला बरकरार रखें. मैंने इस मामले में यूपी सरकार से बात की है. शिक्षा मित्र अभी यूपी सरकार को समय दें. यूपी सरकार का कहना है कि अभी तक इस मामले में उन्हें कोर्ट से कोई लिखित आदेश नहीं मिला है. जैसे ही लिखित आदेश की कॉपी आएगी, वह प्रधानमंत्री को भी भेजी जाएगी. मोदी ने कहा है कि मुझे विश्वास है कि यूपी सरकार शिक्षामित्रों के मामले को समझती है. वह आपके साथ अन्याय नहीं होने देगी. एक बार कोर्ट का आदेश आने दीजिए.
क्या है मामला?
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने एक आदेश में शिक्षा मित्र से असिस्टेंट टीचर बनाए गए एक लाख 75 हजार शिक्षामित्रों की नियुक्ति को रद्द कर दिया है. इलाहाबाद हाईकोर्ट में शनिवार को चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचुड़ की डिविजन बेंच ने यह निर्णय सुनाया. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचुड़ के अलावा जस्टिस दिलीप गुप्ता और जस्टिस यशवंत वर्मा डिविजन बेंच में शामिल थे.
आपको बता दें कि अखिलेश सरकार ने 2014 में अपने एक आदेश में शिक्षा मित्रों को टीचर बनाने का नोटिफिकेशन जारी किया था. अखिलेश सरकार के फैसले के खिलाफ टीईटी पास छात्र कोर्ट चले गए थे.छात्रों ने शिक्षामित्रों की नियुक्ति को NCTE के नियमों के खिलाफ बताया था. NCTE के कानून के मुताबिक, देश के किसी भी राज्य में प्राइमरी शिक्षक बनने के लिए आवेदक को TET पास करना जरूरी है. इस आधार पर कोर्ट ने शिक्षा मित्रों की नियुक्ति को रद्द कर दिया है.