नई दिल्ली. न्यायपालिका के सामने आने वाली समस्याओं पर विचार के लिए बुलाया गया सम्मेलन विवादों में घिर गया है. इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट के जज कुरियन जोसेफ ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है. उन्होंने पीएम मोदी की ओर से जजों के सम्मान में दिए जा रहे डिनर में शामिल होने से इनकार करते हुए कहा है कि धार्मिक महत्व की छुट्टियों वाले दिन कोई भी बड़े कार्यक्रम नहीं होते हैं.
उन्होंने कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और यहां सभी धर्मों को समान भाव से देखा जाना चाहिए. ईसाई होने के नाते मेरे लिए गुड फ्राइडे और इस्टर किसी भी अन्य कार्यक्रम से ज्यादा महत्वपूर्ण है. शुक्रवार से चल रहे तीन दिवसीय न्यायाधीश सम्मेलन पर भी निशाना साधते हुए जस्टिस जोसेफ ने कहा कि यह एक वार्षिक सम्मेलन है और इसका आयोजन गुड फ्राइडे और इस्टर के दौरान होना भी ठीक नहीं है.
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