मजदूरों की हड़ताल से देश को लगी करोड़ों की चपत

नई दिल्ली. केंद्रीय मजदूर संगठनों के देशव्यापी हड़ताल से अर्थव्यवस्था को 25 हजार करोड़ रुपए नुकसान होने का अनुमान है. एसोचैम के महासचिव डी.एस. रावत ने कहा, 'आवश्यक सेवाएं प्रभावित होने से अर्थव्यवस्था को 25 हजार करोड़ रुपए नुकसान होने की संभावना है.'

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मजदूरों की हड़ताल से देश को लगी करोड़ों की चपत

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  • September 2, 2015 3:22 pm Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
नई दिल्ली. केंद्रीय मजदूर संगठनों की देशव्यापी हड़ताल से अर्थव्यवस्था को 25 हजार करोड़ रुपए का नुकसान होने का अनुमान है. एसोचैम के महासचिव डी.एस. रावत ने कहा, ‘आवश्यक सेवाएं प्रभावित होने से अर्थव्यवस्था को 25 हजार करोड़ रुपए नुकसान होने की संभावना है.’
 
देश भर के बैंक और बीमा उद्योग के लाखों कर्मचारियों के बुधवार को हड़ताल पर रहने से कारोबार व्यापक तौर पर प्रभावित हुआ है. ऑल इंडिया बैंक एंप्लाईज एसोसिएशन (एआईबीइईए) के महासचिव सी.एच. वेंकटचलम ने कहा, ‘3,70,000 करोड़ रुपये मूल्य के चेक का निस्तारण प्रभावित हुआ. बैंकों की करीब 75 हजार शाखाओं में कामकाज नहीं हुआ और करीब पांच लाख बैंककर्मी हड़ताल पर रहे, जिनमें अधिकारी और कर्मचारी शामिल थे.’
 
बैंक एंप्लाईज फेडरेशन ऑफ इंडिया (बीईएफआई) के महासचिव प्रदीप विश्वास ने बताया कि पश्चिम बंगाल में 100 फीसदी कर्मचारी हड़ताल पर रहे. सरकारी और निजी दोनों बैंकों के कर्मचारी इसमें शामिल हुए. सरकारी जीवन और गैर-जीवन बीमा कंपनियों में भी हड़ताल सफल रही. ऑल इंडिया इंश्योरेंस एंप्लाईज एसोसिएशन (एआईआईईए) के महासचिव वी. रमेश ने कहा, ‘भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) और चार सरकारी गैर-जीवन बीमा कंपनियों में भी हड़ताल पूर्ण सफल रही. देशभर में बीमा क्षेत्र के करीब एक लाख कर्मचारी हड़ताल पर थे.’
 
IANS

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