नई दिल्ली. भारत और पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के बीच बातचीत का एजेंडा रूस के उफा में 10 जुलाई को ही तय हो चुका था. भारत ने आतंकवाद के मसले पर पाकिस्तान की पोल खोलने के लिए 1400 पन्नों का डोजियर भी बना लिया था. लेकिन, पाकिस्तान के एनएसए सरताज अजीज़ के दिल्ली आने से 3 दिन पहले पाकिस्तान ने पैंतरेबाज़ी शुरू कर दी. पाकिस्तान ने अचानक आतंकवाद की बजाय कश्मीर का राग अलापना शुरू किया और ये जिद भी ठान ली कि सरताज अज़ीज़ कश्मीर के अलगाववादी नेताओं से मिलेंगे.
पाकिस्तान ने बातचीत का एजेंडा बदला तो भारत ने दो टूक कह दिया कि एनएसए लेवल की बातचीत सिर्फ आतंकवाद के मसले पर होगी और दोनों एनएसए के बीच ही होगी. अब दोनों देशों के बीच ये बड़ी बहस का मुद्दा है कि जब बातचीत आतंकवाद पर होनी थी, तो पाकिस्तान ने कश्मीर का राग क्यों अलापा ?