भोपाल. सीएम शिवराज सिंह चौहान के दिन आजकल अच्छे नहीं चल रहे हैं. मध्य प्रदेश की छवि व्यापम घोटाले के चलते ख़राब होने के बाद एक ऐसा ही और घोटाला सामने आया है. टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, मध्य प्रदेश की बरकतुल्ला यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसरों समेत लगभग 30 पदों पर सिर्फ 60 से 100 सेकेंड का इंटरव्यू लेकर भर्ती कर ली गई.
लिखित परीक्षा नहीं ली गयी
इससे भी ज्यादा हैरानी की बात यह है कि भर्तियों के लिए इंटरव्यू से पहले लिखित परीक्षा लेना भी जरूरी नहीं समझा गया. टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, कुछ पुरुष उम्मीदवारों ने तो महिला कोटे की सीटों तक के लिए इंटरव्यू दिए थे. पिछले साल सितंबर में इन भर्तियों के लिए तीन दिन में 700 लोगों का इंटरव्यू लिया गया था. अब उच्च शिक्षा विभाग ने राज्यपाल को पत्र लिखकर यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर एमडी तिवारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. राज्यपाल ने वाइस चांसलर से पूरे मामले में सफाई मांगी है. यूनिवर्सिटी ने इन पदों की भर्ती के लिए पिछले साल विज्ञापन जारी किए थे.
उच्च शिक्षा विभाग ने राज्यपाल को जो पत्र भेजा है, उसमें बताया गया है कि भर्ती के लिए 170 उम्मीदवारों का इंटरव्यू एक ही दिन लिख गया. उम्मीदवारों का इंटरव्यू मुश्किल से एक से दो मिनट तक चला. खास लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए 9 साल के अनुभव के नियम को ताक पर रखकर इन पदों के लिए अनुभव की सीमा घटाकर 6 साल कर दी गई.