सोनिया गांधी पर ‘तहलका’ के फाइनेंसर्स की मदद का आरोप, BJP नेता ने कहा – दर्ज हो FIR
नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के एक ऐसे पत्र पर बवाल मचा हुआ है, जिसमें उन्होंने तत्कालीन वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को ‘तहलका’ मैगजीन की फाइनेंसर प्राइवेट कंपनी ‘फर्स्ट ग्लोबल’ के प्रमोटर्स की मदद करने संबंधी निर्देश दिए हैं. यह पत्र उन्होंने 2004 में तत्कालीन वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को लिखा था. इस पत्र […]
November 7, 2017 3:49 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के एक ऐसे पत्र पर बवाल मचा हुआ है, जिसमें उन्होंने तत्कालीन वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को ‘तहलका’ मैगजीन की फाइनेंसर प्राइवेट कंपनी ‘फर्स्ट ग्लोबल’ के प्रमोटर्स की मदद करने संबंधी निर्देश दिए हैं. यह पत्र उन्होंने 2004 में तत्कालीन वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को लिखा था. इस पत्र में तहलका की फाइनेंसर प्राइवेट कंपनी ‘फर्स्ट ग्लोबल’ के खिलाफ चल रही जांच को लेकर निर्देश दिए गए थे. पत्र में उन्हें (पी. चिदंबरम) यह सुनिश्चित करने को कहा था कि तहलका के फाइनेंसरों के साथ ‘अनुचित या अन्यायपूर्ण’ तरीके से व्यवहार ना किया जाए. उस समय तहलका के संपादक तरुण तेजपाल थे, जो फिलहाल यौन शोषण के मामले में जमानत पर बाहर हैं. राजनीतिज्ञ जया जेटली ने भी अपनी बायोग्राफी ‘लाइफ इन द स्कॉर्पियंस: मेमोइर्स ऑफ ए वुमन इन इंडियन पॉलिटिक्स’ में सोनिया गांधी द्वारा तहलका के फाइनेंसरों की मदद को लेकर कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं.
मीडिया के सामने जो पत्र है, उसमें हितों के टकराव का मामला भी सामने आ रहा है. दरअसल तहलका मैगजीन ने एनडीए सरकार के दौरान रक्षा सौदों में कथित भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ किया था. जिसके बाद तत्कालीन रक्षा मंत्री जार्ज फर्नांडीज को इस्तीफा देना पड़ा था. वहीं तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण कैमरे में रिश्वत लेते हुए कैद हुए थे. बाद में इस केस की जांच में वह दोषी ठहराए गए थे. इस खुलासे के बाद से ही ‘फर्स्ट ग्लोबल’ के प्रमोटर देविना मेहरा और शंकर शर्मा के खिलाफ विभिन्न जांच एजेंसियों ने कई मामले दर्ज किए थे. साल 2004 में जब यूपीए सरकार सत्ता में आई तो शंकर शर्मा ने सोनिया गांधी को एक चिट्ठी लिखी थी.
चिट्ठी में उन्होंने एजेंसियों द्वारा परेशान करने किए जाने का आरोप लगाया और लिखा कि उनकी दिक्कतें दूर होनी चाहिए. जिसके बाद ‘फर्स्ट ग्लोबल’ के पत्र को संलग्न करते हुए सोनिया ने अपने आधिकारिक लेटरहैड पर तत्कालीन वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को लिखा था कि वह इस मुद्दे को प्राथमिकता के आधार पर देखें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि मामले में कोई ‘अनुचित या गैरकानूनी’ व्यवहार न किया जाए. अगले दिन चिदंबरम ने ईडी और सीबीडीटी के प्रमुखों को उनसे (देविना मेहरा और शंकर शर्मा) मिलने के लिए कहा था. पी. चिदंबरम ने इस खुलासे के बाद कहा कि चिट्ठी पर मेरी नोटिंग सही है. मैं इस बात को लेकर आश्वस्त हूं कि वित्त मंत्रालय की ओर से मैंने एक पत्र भेजा होगा, जो मेरे समक्ष रखी गई सामग्री पर आधारित है. चिदंबरम ने कहा कि सोनिया गांधी और मेरे उत्तर को एक साथ पढ़ा जाना चाहिए. उन्होंने जवाब में कहा कि मेरा सुझाव है कि मीडिया को केंद्र सरकार से पत्र का जवाब जारी करने के लिए कहना चाहिए.
वहीं बीजेपी नेता अजय अग्रवाल ने दिल्ली स्थित पार्लियामेंट स्ट्रीट पुलिस स्टेशन में सोनिया गांधी के खिलाफ शिकायत दी है. उनका कहना है कि इस मामले में सोनिया गांधी के खिलाफ एफआईआर दर्ज होनी चाहिए क्योंकि उन्होंने आरोपियों को बचाने की कोशिश की है. बहरहाल सोनिया गांधी द्वारा 13 साल पहले लिखी गई एक चिट्ठी राजनीति में सुर्खियां बटोर रही है और वर्तमान में राजनीतिक द्वंद का केंद्र बनी हुई है.