November 7, 2017 11:21 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
कलोल: विश्व की सबसे बड़ी खाद सहकारी निर्माता कंपनी इफको ने गुजरात के कलोल में अपने सबसे पुराने संयंत्र में वैभवशाली 50 वर्ष पूरे होने का उत्सव मनाया. पीएम मोदी ने भी इफको के नाम संदेश में देश के सहकारी क्षेत्र में इफको के योगदान की तारीफ की है. पीएम ने कृषि में डिजिटलाइजेशन, नगद रहित लेन-देन, खाद के अधिकतम उपयोग के लिए किसानों को प्रशिक्षित करने और साल 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य में कहायक कृषि तकनीक के लिए इफ्को के प्रयासों की तारीफ की है.
गौरतलब है कि इफ्को ने ग्रामीण भारत के परिदृश्य में बदलाव करने की यात्रा साल 1967 में शुरू की थी और तब से ही यह देश के किसानों के जीवन को संमृद्ध बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.
इस अवसर पर इफ्को ने भारत के सहकारिता आंदोलन में योगदान के लिए प्रतिष्ठित सह-परिचारकों को वार्षिक सहकारिता पुरस्कार भी प्रदान किए. ज्योतिंद्रभाई एम.मेहता को सहकारिता रत्न पुरस्कार और रमेश वैद्य को सहकारिता बंधु पुरस्कार प्रदान किया गया. स्वर्ण जयंती उत्सव में फर्टिलाइजर एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एफएआई), इंटरनेशनल फर्टिलाइजर एसोसिएशन (आईएफए), इंटरनेशनल कोऑपरेटिव एलायंस (आईसीए) से आए अतिथियों के अलावा मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के प्रबंध निदेशक केनिची आयुकावा, मित्सुबिशी कॉर्पोरेशन इंडिया के चेयरमैन और एम डी इसुके शियोजाकी के अलावा टोकियो मरीन होल्डिंग्स के अध्यक्ष त्सुयोशी नगानो औरप एरियल गुआर्को (आसीए) जैसे खास मेहमान भी मौजूद थे.
इस मौके पर इफ्को के चेयरमैन बलविंदर सिंह नकाई ने कहा कि ‘ यह वास्तव में इफ्को के लिए और बड़े पैमाने पर सहकारी समाज के लिए एक बड़ी उपलब्धि है.’ उन्होंने कहा कि साल 1967 में हमने 57 सहकारी समितियों से शुरूआत की थी और आज लगभग 36000 भारतीय सहकारिताओं के साथ इफ्को करीब पांच करोड़ किसानों के संपर्क में है और उनके जीवन को बेहतर करने के लिए प्रयास कर रहा है. इफ्को आज देश के लगभग हर गांव से जुड़ा हुआ है और संस्था ने अपनी वैश्विक पैठ भी बनाई है.
इस अवसर पर इफ्को के प्रबंध निदेशक डॉ.यू.एस अवस्थी ने कहा कि ‘ मैं पूरे इफ्को परिवार की ओर से देश के किसानों और सहकारिता से जुड़े लोगों का आभार व्यक्त करता हूं. जिन्होंने इफको को इसके प्रयासों में विश्वास रखा. उन्होंने ये भी कहा कि इफको की शुरूआत भारतीय किसानों के सशक्तिकरण के लिए एक विचार और एक प्रयोग के रूप में हुई थी और आज यह विश्व की सबसे बड़े खाद सहकारी संस्था है. उन्होंने कहा कि आगे बढ़ते हुए हम अपने किसानों की उभरती हुई आवश्यक्ताओं को समझने का काम करेंगे और तेजी से बदलते हुए आर्थिक परिदृश्य की मांगों को पूरा करने के लिए उन्हें आधुनिक समाधानों से सुसज्जित करेंगे.
इफ्को डिजिटल भारत के साथ डिजिटल इंडिया से जुड़ने की मंशा रखता है और इसके लिए इसने भारतीय सहकारिता डिजिटल मंच नाम से एक नई डिजिट पहल की है जो अबी 2.5 करोड़ किसानों और सहकारिता से जुड़े लोगों से जुड़ी है और भारत के पूरे सहकारी और किसान समुदाय से जुड़ने की आकांक्षा रखती है. इस पोर्टल का उद्देश्य किसानों और ग्राहकों को इफ्को और उससे जुड़ी तथा पूरक कंपनियों के बीच संवाद और वाणिज्य के लिए एक डिजिटल मंच प्रदान करना है.
डॉ. अवस्थी ने ये भी कहा कि ‘ मैने देशभर के लगभग 125 संस्खानों की यात्रा की है और 1,36,000 किमी से अधिक क्षेत्रों की यात्रा के दौरान करीब दो लाख किसनों से मिले हैं’ उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि ये किसानों को गले लगाने का समय है और उन्हें ये दर्शाने का अवसर मिलना चाहिए कि वो अपने आप में संपूर्ण हैं. हमने 24 घंटे, सातों दिन चलने वाला एक कॉल सेंटर शुरू किया है जो मुक्त संवाद के लिए भाषा की बाधा से इतर 12 भाषाओं में भारत के किसानों को सहयोग प्रदान करता है.
बतौर डॉ. अवस्थी इफ्को ने किसानों और उनके परिवारों के लिए इफ्कोयुवा नाम से एक खास मंच शुरू किया है जो खास तौर से किसानों के बच्चों के लिए है और जो उन्हें आवश्यक कुशलताएं अर्जित करने का अवसर देता है. शिक्षित करता है और रोजगार के इच्छुक युवाओं को नियोक्ताओं से जोड़ता है. इफ्को ने ग्रामीण हेल्थ स्टार्टअप के साथ मिलकर ग्रामीण स्वास्थ्य कार्यक्रम की भी शुरूआत की है. आखिर में उन्होंने कहा कि इफ्को भविष्य के लक्ष्य और रणनीति के लिए तैयार है और जल्द ही एक लंबी छलांग लगाएगा.