नोटबंदी ‘विनाशकारी आर्थिक नीति’, स्वीकार करें मोदी, अर्थव्यवस्था सुधार के लिए काम करें- मनमोहन सिंह

नई दिल्लीः पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने एक बार फिर नोटबंदी को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है. मनमोहन सिंह ने नोटबंदी को ‘विनाशकारी आर्थिक नीति’ करार दिया. उन्होंने कहा कि नोटबंदी से असमानता बढ़ सकती है और आने वाले समय में भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में यह अब तक की सबसे बड़ी सामाजिक विपत्ति साबित होगी. पूर्व पीएम यहीं नहीं रुके, उन्होंने पीएम मोदी पर हमला करते हुए कहा कि इस गलती को स्वीकार करें और अर्थव्यवस्था के पुनर्निर्माण की दिशा में काम करें.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मनमोहन सिंह ने कहा, नोटबंदी का फौरन जो असर हुआ वो नौकरियों पर हुआ. देश की तीन चौथाई गैर-कृषि रोजगार छोटे और मझले उद्यमों के क्षेत्र में हैं. नोटबंदी से इस क्षेत्र को सबसे अधिक नुकसान पहुंचा है, इसलिए नौकरियां चली गईं और नई नौकरियां पैदा नहीं हो रही हैं. मनमोहन सिंह ने नोटबंदी के दीर्घकालिक परिणामों पर चिंता जाहिर की.
पूर्व पीएम सिंह ने कहा कि ‘नोटबंदी एक विनाशकारी आर्थिक नीति साबित होने जा रही है. इसकी वजह से आर्थिक, सामाजिक, प्रतिष्ठात्मक और संस्थागत क्षति हुई है. जीडीपी का गिरना आर्थिक नुकसान का महज एक संकेतक है. इसका हमारे समाज के गरीब वर्ग और व्यापार पर जो असर हुआ है वह आर्थिक सूचक की तुलना में कहीं ज्यादा नुकसानदायक है.’
मनमोहन सिंह ने कहा, ‘जीडीपी में हाल की गिरावट के बाद सुधार दिख रहा है लेकिन आर्थिक विकास की प्रकृति के लिए बढ़ती असमानता एक बड़ा खतरा है. नोटबंदी इसे बढ़ा सकती है, जिसे भविष्य में सुधारना कठिन होगा.’ मनमोहन सिंह ने कहा कि सरकार को आर्थिक प्राथमिकताओं को दुरुस्त करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि कैशलेस इकॉनामी का लक्ष्य छोटे उद्योगों को बड़ा बनाने में सक्षम होगा, यह साफ नहीं लेकिन यह लक्ष्य स्वतः हमारी प्राथमिकता में होना चाहिए.
गौरतलब है कि कांग्रेस नोटबंदी को इतिहास का काला दिन बताती है. पीएम मोदी ने पिछले साल 8 नवंबर को रात 8 बजे 500 और 1000 के नोटों का लीगल टेंडर खत्म करने का ऐलान किया था. इसके बदले नए 500 और 2000 के नोट जारी किए गए थे. पीएम ने नोटबंदी के फैसले को ब्लैक मनी, भ्रष्टाचार, नकली मुद्रा और आतंकवादियों को होने वाली फंडिंग को रोकने के लिए कारगर बताया. हालांकि बाद में इसका उद्देश्य नकदी लेन-देन को कम करने और अर्थव्यवस्था को डिजिटल पेमेंट की ओर ले जाना बताया गया.

 

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