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पैराडाइज पेपर्स: जयंत सिन्हा ने लिस्ट में नाम शामिल होने पर दी सफाई, मंत्री बनने से पहले छोड़ दी थी कंपनी

पनामा पेपर्स के बाद अब 'पैराडाइज पेपर्स' में टैक्सचोरी कर विदेश में कालाधन छिपाने के मामलों से जुड़े दस्तावेज सामने आए हैं. विदेशों में काला धन छिपाने में जयंत सिन्हा का नाम भी सामने आया है.

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  • November 6, 2017 5:48 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली:  पनामा पेपर्स के बाद अब ‘पैराडाइज पेपर्स’ में टैक्सचोरी कर विदेश में कालाधन छिपाने के मामलों से जुड़े दस्तावेज सामने आए हैं. विदेशों में काला धन छिपाने में जयंत सिन्हा का नाम भी सामने आया है. नरेंद्र मोदी कैबिनेट में केंद्रीय राज्य मंत्री का पद संभालने से पहले जयंत सिन्हा ओमिडयार नेटवर्क नाम कंपनी में बतौर मैनेजिंग डायरेक्टर के तौर पर काम करते थे. गौर करने वाली बात ये है कि ओमिडयार नेटवर्क ने डी डॉट लाइट डिजाइन में निवेश किया हुआ था. इस कंपनी की एक ब्रांच केमैन आइलैंड में स्थित है. एप्पलबी दस्तावेजों के मुताबिक, जयंत सिन्हा ने डी डॉट लाइट डिजाइन के निर्देशक पर भी सर्विस दी लेकिन गौरतलब है कि उन्होंने अपने चुनावी हलफनामे में कहीं भी इस बात का जिक्र नहीं किया था. डी डॉट लाइट डिजाइन सौर उर्जा क्षेत्र की दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में शामिल है. 2010 में जयंत सिन्हा को बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में शामिल किया गया था. 
 
जयंत सिन्हा ने ट्वीटर पर सफाई देते हुए कहा है, यह लेनदेन डी. लाइट कंपनी के लिए एक ओमिडीयार प्रतिनिधि के रूप में किए गए थे, यह निजी उद्देश्य के लिए किया गया लेनदेन नहीं था. उन्होंने लिखा है, ‘केंद्रीय मंत्रिपरिषद में शामिल होने के समय मैंने तत्काल प्रभाव से डी लाइट कंपनी बोर्ड से इस्तीफा दे दिया. जयंत सिन्हा ने कहा, ‘ओमिडीयार कंपनी छोड़ने के बाद डी लाइट बोर्ड में एक स्वतंत्र निदेशक के तौर में काम जारी रखने के लिए भी कहा गया था.
पैराडाइज पेपर्स लीक मामला सामने आने के बाद जयंत सिन्हा ने सफाई देते हुए कहा कि जो दस्तावेज मिले हैं, वह उस वक्त के हैं, जब वह मंत्री नहीं थे. मंत्री बनने के पहले ही उन्होंने कंपनी से इस्तीफा दे दिया था. बता दें कि साल 2006 में अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में डी डॉट लाइट डिजाइन की स्पाथना हुई थी. सितंबर 2009 में जयंत सिन्हा ओमिडयार नेटवर्क के साथ जुड़े और दिसंबर 2013 में उन्होंने इस्तीफा दे दिया. डी डॉट लाइट डिजाइन की एक ब्रांच इसी नाम से आइलैंड में भी ओपन हुई. डी डॉट लाइट ने केमैन आईलैंड स्थिति शाखा के माध्यम से नीदरलैंड के एक निवेशक से 30 लाख डॉलर का लोन प्राप्त किया था. एप्पलबी दस्तावेज के मुताबिक, 31 दिसंबर 2012 को इस लोन के लिए समझौता हुआ था, जिस वक्त ये सभी फैसले लिए गए उस वक्त जयंत सिन्हा डी डॉट लाइट डिजाइन के डायरेक्टर थे.
 
26 अक्टूबर 2016 को पीएमओ कार्यकालय को दी जानकारी में जयंत सिन्हा ने बताया है कि ओमिडयार नेटवर्क द्वारा 2009 से 2013 के बीच किए गए कुछ निवेशों में उद्घोषक के कुछ हित हो सकते है. आप लोगों की जानकारी के लिए बता दें कि जयंत सिन्हा का ये उद्घोषणा पीएमओ कार्यालय की वेबसाइट पर मौजूद है. 24 मार्च 2014 को चुनाव आयोग को और चुनाव जीतने के बाद लोक सभा सचिवालय को ऐसी ही जानकारी मुहैया कराई गई थी. एप्पलबी दस्तावेजों के मुताबिक, दिसंबर 2012 में डी डॉट लाइट डिजाइन ने डी डॉट लाइट डिजाइन (केमैन) को ग्लोबल कमर्शियल माइक्रोफिनांस 
 
कन्सोर्शियम टू बीवी से 30 लाख डॉलर का लोन लेने की मंजूरी दी थी, बता दें कि ये लोन 15-15 लाख डॉलर की दो किस्तों में लिए जाने को इजाजत दी गई थी. ये बात बहुत ही कम लोग जानते होंगे कि इन दस्तावेजों पर जिन 6 लोगों के साइन थे उनमें से एक जयंत सिन्हा भी हैं. ओमिडयार नेटवर्क ने भारत में क्विकर, अक्षरा फाउंडेशन, अनुदीप फाउंडेशन, एस्पाइरिंग माइंड्स और हेल्थकार्ट में निवेश किया हुआ है.
 
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