नई दिल्ली. पैराडाईज पेपर्स के तहत दुनिया के 96 मीडिया संस्थानों ने 13.4 मिलियन दस्तावेजों के माध्यम से विदेशों में काला धन रखने वाले दुनियाभर की कई बड़ी हस्तियों के नाम का खुलासा किया है. इन करोड़ों दस्तावेजों का खुलासा करने वालों में भारतीय अंग्रेजी अखबार इंडियान एक्सप्रेस भी शामिल हैं. इन दस्तावेजों में दुनियाभर की कई हस्तियों (अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के कॉमर्स सेक्रटरी विलबर रॉस, ट्विटर और फेसबुक में रूसी कंपनियों के निवेश, कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रू़डो के चीफ फंडरेज़र के खुफिया लेनदेन, इंग्लैंड की रानी क्वीन एलिज़ाबेथ- 2 का मेडिकल और कंज्यूमर लोन) से लेकर कई भारतीयों (अमिताभ, मान्यता दत्त, जयंत सिन्हा, आरके सिन्हा) के नाम शामिल हैं. अब सवाल उठता है कि दुनिया भर में पनामा पेपर्स के बाद इतना बड़ा तहलका मचाने वाला पैराडाइज पेपर्स लीक आखिर हैं क्या.
क्या है पैराडाइज पेपर्स?
बताया जा रहा है कि जर्मन अखबार स्यूडेडेश्स्क ज़ितुंग ने बरमूडा की कंपनी एप्पलबी, सिंगापुर की कंपनी एसियासिटी ट्रस्ट और कर चोरों के स्वर्ग समझे जाने वाले 19 देशों में कराई गई कार्पोरेट रजिस्ट्रियों से जुड़े करीब एक करोड़ 34 लाख दस्तावेज लीक करके हासिल किए थे. इस लीक का केंद्र ऐपलबी नामक एक लॉ फर्म है जो बरमूडा, ब्रिटेन के वर्जिन आईलैंड, केमैन आईलैंड, आइल ऑफ मैन, जर्सी में स्थित है. इस अखबार ने ये करोड़ों दस्तावेज आईसीआईजे के साथ साझा किए. आईसीआईजे में दुनियाभर की 96 मीडिया कंपनियां शामिल हैं. इन सभी ने 10 महीने तक सभी दस्तावेजों की पड़ताल की. वहीं भारतीय अंग्रेजी अखबार इंडियान एक्सप्रेस ने भारत से जुड़े हुए सभी दस्तावेजों की पड़ताल की जोकि आईसीआईजे का सदस्य है.
बता दें कि इससे पहले 2016 में ब्रिटेन में पनामा की लॉ फर्म के 1.15 करोड़ टैक्स डॉक्युमेंट्स लीक हुए थे. उन दस्तावेजों के अनुसार व्लादिमीर पुतिन, नवाज शरीफ, शी जिनपिंग और फुटबॉलर मैसी ने अपनी बड़ी दौलत टैक्स हैवन वाले देशों में जमा की थी. दुनियाभर के 140 नेताओं और सैकड़ों सेलिब्रिटीज ने टैक्स हैवन कंट्रीज में पैसा इन्वेस्ट किया था. पनामा पेपर्स में जिस मोसैक फॉसेंका फर्म का नाम था, उससे अलग यह फर्म खुद को विदेशों में पैसा जमा करने के मामले में नंबर वन करार देती है.